नेपाल में युवा प्रदर्शनकारियों के उग्र आंदोलन ने आखिरकार सत्ता परिवर्तन कर दिया. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी इस्तीफा दे दिया है. दोनों नेताओं ने मंगलवार को हालात बिगड़ने पर पद छोड़ने की घोषणा की. सेना ने पूरे देश का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है. सभी सांसदों से इस्तीफा देने को कहा गया है. नेपाली सेना के प्रमुख अशोक राज कुछ देर में देश को संबोधित करेंगे.
सोमवार को राजधानी काठमांडू में हिंसा उस वक्त भड़क गई जब पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चलाईं. द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस फायरिंग में 19 प्रदर्शनकारी (ज्यादातर छात्र) मारे गए और 400 से अधिक घायल हो गए. ताजा घटनाक्रम में मंगलवार को काठमांडू के कालिमाटी इलाके में पुलिस की गोली से दो और युवाओं की मौत हो गई. इस तरह मौत का आंकड़ा बढ़कर 22 तक पहुंच गया. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन से लेकर नेताओं के आवास तक पर हमला कर दिया. कई दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई.
स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. सुरखेत जिले के मुख्य जिला अधिकारी ने सुब्बाकुना से बांगेस्पामल तक अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया. राजधानी समेत कई शहरों में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं.
नेपाल के हालात पर भारत ने चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि भारतीय नागरिक फिलहाल नेपाल यात्रा स्थगित करें. जो पहले से वहां मौजूद हैं, वे घर से बाहर न निकलें और स्थानीय प्रशासन तथा भारतीय दूतावास, काठमांडू की सुरक्षा सलाहों का पालन करें.
आपात स्थिति में दूतावास के हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं:
977 – 980 860 2881 (व्हाट्सएप कॉल उपलब्ध)
+977 – 981 032 6134 (व्हाट्सएप कॉल उपलब्ध)
भारत ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है और उम्मीद जताई है कि नेपाल जल्द शांति और स्थिरता की राह पर लौटेगा.
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