धामी हुए नौकरशाही का शिकार, अफसरों ने नहीं उठाया फोन

उत्तराखंड के धारचूला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जिले के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी मुनस्यारी और उप जिलाधिकारी धारचूला के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

पत्र में विधायक धामी ने कहा है कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा के चलते सड़कों के बंद होने से लोग बुरी तरह प्रभावित हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते राहत कार्यों में तेजी नहीं आ पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र में कई सड़क मार्ग – जैसे नामिक, धारचूला, सौंसा – पूरी तरह बंद हैं और ग्रामीण अत्यंत गंभीर स्थिति में हैं।

उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद 11 बजे जिलाधिकारी, धारचूला, मुनस्यारी और विशनाथ से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। बाद में 2 बजे टॉप हेलीपैड से हेलिकॉप्टर सेवा के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाने के लिए प्रशासनिक सहयोग मांगा, लेकिन तब भी किसी अधिकारी ने मदद नहीं की।

 

विधायक धामी ने कहा कि जब वह खुद जनता की समस्या को लेकर परेशान हैं, तो आम लोगों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का रवैया न सिर्फ जनप्रतिनिधियों का अपमान है, बल्कि जनता के साथ भी अन्याय है।

 

पत्र में विधायक ने यह भी लिखा है कि “पूर्व में भी प्रशासनिक अधिकारियों की अवज्ञा की शिकायत विधानसभा सत्र में उठाई गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।” अब वे चाहते हैं कि इस बार कड़ी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा ना हो।

मुख्य बिंदु:

 

विधायक हरीश धामी ने जिलाधिकारी, एडीएम और एसडीएम पर लापरवाही और उपेक्षा का आरोप लगाया।

 

आपदा में प्रभावित सड़कों की मरम्मत और राहत कार्यों में प्रशासन के असहयोग की बात कही।

 

विधानसभा अध्यक्ष से की अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग।

 

कहा – अधिकारियों द्वारा फोन तक नहीं उठाया गया, जनता हो रही परेशान।

 

 

यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है, और देखना होगा कि विधानसभा अध्यक्ष तथा शासन-प्रशासन इस पत्र पर क्या कार्रवाई करता है।

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