OLX पर सैन्य अधिकारी बन की ₹12.46 लाख की धोखाधड़ी, राजस्थान से आरोपी को दबोच लाई STF

देहरादून: ओएलएक्स प्लेटफॉर्म पर मकान किराए के विज्ञापन डालने वाले व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को उत्तराखंड एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोपी फर्जी पहचान और सेना/पैरामिलिट्री कर्मचारी की ड्रेस पहनकर धोखाधड़ी करता था. आरोपी को एसटीएफ टीम ने राजस्थान से गिरफ्तार किया. आरोपी पिछले एक साल से फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा था.

साल 2022 में पीड़ित निवासी देहरादून ने थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई थी कि पीड़ित ने अपना मकान किराए पर देने के लिए ओएलएक्स प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन प्रकाशित किया था. उसी विज्ञापन के आधार पर आरोपी ने पीड़ित से संपर्क किया. आरोपी ने खुद को सीआईएसएफ/सेना का जवान बताते हुए पीड़ित का विश्वास जीता और फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्र व्हाट्सएप पर साझा किए. उसके बाद आरोपी ने पीड़ित को यह कहकर भ्रमित किया कि सेना/पैरामिलिट्री के नियमों के अनुसार मकान किराए पर लेने से पहले अग्रिम राशि मकान मालिक द्वारा भी जमा करानी होती है. इस झांसे में आकर पीड़ित ने अलग-अलग बैंक खातों में कुल 12 लाख 46 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर कर दी. इसके कुछ दिनों बाद पीड़ित को धोखाधड़ी का पता चला. पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी और न्यायालय ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था.

जांच के दौरान साक्ष्यों के आधार पर आरोपी शरीफ मोहम्मद निवासी भरतपुर, राजस्थान का नाम समाने आया था. आरोपी द्वारा किए गए अपराध पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था. वहीं साइबर क्राइम पुलिस टीम ने आरोपी शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब का लोकेशन ट्रेस कर उसे राजस्थान से गिरफ्तार किया.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पैतृक निवास कल्याणपुर जिला भरतपुर राजस्थान से करीब 300 किलोमीटर दूर जयपुर के खोह नागोरिया क्षेत्र में छिपकर रह रहा था. इसी दौरान वह गुप्त रूप से अपने साथियों के संपर्क में रहकर अलग-अलग प्रकार के साइबर अपराधों को अंजाम देता आ रहा था.

 

आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि वह लगातार फर्जी पहचान पत्रों, अलग-अलग मोबाइल नंबरों और अलग-अलग बैंक खातों का प्रयोग करके धोखाधड़ी करता था. उसके द्वारा बनाए गए संपर्क नेटवर्क और तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर कई व्यक्तियों को ऑनलाइन निवेश और ओएलएक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी के जाल में फंसाया गया. आरोपी के कब्जे से प्राप्त डाटा का विश्लेषण जारी है, जिससे उसके अन्य साथियों और नेटवर्क का भी पर्दाफाश होने की संभावना है.

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