Almora news : मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के रहने वाले कृषांग जोशी ने उत्तीर्ण की नीट परीक्षा, ऑल इंडिया में हासिल की तीसरी रैंक, पहाड़ मे रहकर करना चाहते है सेवा…
Almora news: मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट ब्लॉक के सुंदरखोला गांव के रहने वाले व वर्तमान में नैनीताल जिले के हल्द्वानी के नवाबी रोड स्थित खोलिया कंपाउंड के निवासी कृषांग जोशी ने मेडिकल की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक नीट यूजी में ऑल इंडिया में तीसरी रैंक हासिल कर अपने परिजनों का मान बढ़ाया है। दरअसल 17 वर्षीय कृषांग जोशी को खुद पर भरोसा था कि वह मेडिकल की परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में निकाल लेंगे लेकिन टॉप 3 में आना उनकी उम्मीद से बाहर था क्योंकि पिछले साल के पेपर लीक होने की वजह से वह परेशान थे लेकिन उनका हौसला फिर भी कम नहीं हुआ जिसके चलते कृषांग ने पुणे के हॉस्टल में रहकर दिन-रात मेहनत की और आज ऑल इंडिया में तीसरी रैंक हासिल की । कृषांग के पिता कैप्टन मनोज जोशी मैंगलौर पोर्ट अथॉरिटी कर्नाटक में उप संरक्षक के पद पर कार्यरत हैं जबकि कृषांग की माता विनीता जोशी गृहणी है।
बताते चले कृषांग महाराष्ट्र के पुणे में रहकर नीट की कोचिंग कर रहे थे जो वहीं से परीक्षा में शामिल हुए और ऐसे में उन्होंने इस परीक्षा में महाराष्ट्र राज्य मे टॉप भी किया। कृषांग के पिता कैप्टन मनोज जोशी ने बताया कि उनका पुत्र बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है जिसने केंद्रीय स्तर की हैकाथान स्पर्धा में राष्ट्रीय स्तर पर टॉप किया था इसके साथ ही अन्य कई प्रतियोगिताओं में भी कृषांग ने बेस्ट प्रदर्शन कर विशेष स्थान पाया। कृषांग मे नेवी चिल्ड्रन’ स्कूल गोवा से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की इस दौरान कृषांग का चयन मेडिकल प्रवेश परीक्षा की निशुल्क कोचिंग से जुड़ी योजना के लिए हुआ जिसकी बदौलत वह प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के अलावा आगे की पढ़ाई करने के लिए पुणे चले गए थे जहां पर उन्होंने महावीर जूनियर कॉलेज से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की और स्कूल की पढ़ाई के दौरान नीट की तैयारी में भी जुटे रहे। इस दौरान वह इंटरनेट पर उपलब्ध मनोरंजन से संबंधित सभी मंचों से दूरी बनाए हुए थे और सिर्फ पढ़ाई के लिए इंटरनेट का प्रयोग करते थे।
कृषांग डॉक्टर बनकर पहाड़ में करना चाहते हैं सेवा
जब कृषांग से पूछा गया कि क्या वह एम्स दिल्ली को लेकर बेहद जुनूनी है तो उन्होंने बताया कि कॉलेज का टैग नहीं अच्छा डॉक्टर बनना मेरा मकसद है हालांकि उन्होंने माना है कि दिल्ली एम्स देश का बेहतरीन मेडिकल कॉलेज है जहां पर फैकल्टी और रिसोर्सेस छात्र को हर पहलू से तैयार करती है। कृषांग ने बताया कि यदि वह डॉक्टर बने तो पहाड़ में ही सेवा करेंगे इसके साथ ही वह अपनी जड़ों से जुड़ा रहना चाहते हैं जिसके लिए राज्य में उन्होंने सेवा की इच्छा जताई है जो वाकई में काबिले तारीफ है।
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