हल्द्वानी: उत्तराखंड रेशम विभाग मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा बना रहा है. जिसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. इसके जरिये अब तक महिला समूहों ने ₹800000 का कारोबार किया है. उत्तराखंड के राज्यपाल को भी रेशम कोये से बनी मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा भेंट की गई है.
उत्तराखंड रेशम विभाग किसानों को रेशम उत्पादन की क्षेत्र में जुड़ने के साथ-साथ रेशम से बने उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महिला सहायता समूह के लिए योजना चल रहा है. जहां रेशम से बने प्रोडक्ट की डिमांड उत्तराखंड के साथ साथ कई राज्यों में हो रही है. रेशम नई पहल स्वयं सहायता समूह हल्द्वानी द्वारा रेशम कोये से विभिन्न सुन्दर व आकर्षक उत्पाद बनाकर नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. रेशम विभाग से जुड़े महिला सहायता समूह द्वारा रेशम की कोये तैयार किए गए उत्तराखंड की कुलदेवी मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा की लगातार मांग बढ़ रही है. जिसका नतीजा है कि सहायता समूह द्वारा ₹800000 का कारोबार किया गया है.
इसी के तहत गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति मनमोहन सिंह चौहान ने उत्तराखण्ड के राज्यपाल को रेशम कोये से निर्मित मां नन्दा सुनन्दा की प्रतिमा भेंट की. रेशम विभाग उप निदेशक कुमाऊ मंडल हेम चन्द्र ने रेशम विभाग के लिए इसे गर्व का क्षण बताया. हेम चन्द्र ने बताया यह रेशम नई पहल स्वयं सहायता समूह हल्द्वानी टीम रेशम से बने प्रोडक्ट पर पिछले काफी दिनों से कम कर रही हैं. जिसके चलते सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. रेशम विभाग को भी इससे आय प्राप्त हो रही है.
उत्तराखण्ड को-ऑपरेटिव रेशम फैडरेशन, देहरादून द्वारा भी उक्त महिला समूह से लगभग ₹ 2.50 लाख के उत्पाद क्रय किये जा चुके हैं. यह समूह उपभोक्ता की मांग व पसंद के अनुसार भी उत्पाद तैयार कर उपलब्ध कराने की सुविधा दे रहा है. सहायता समूह की अध्यक्ष किरण जोशी ने बताया रेशम विभाग के सहयोग से रेशम कोये से अत्यधिक आकर्षक एवं मनमोहक उत्पाद बनाये जा रहे हैं. ये समूचे भारतवर्ष में रेशम से निर्मित ऐसे पहले उत्पाद हैं. समूह की महिलाएं सिल्क कोकून क्राफ्ट के क्षेत्र में निपुणता हासिल कर चुकी हैं. इस कला में निपुर्ण महिलाओं और संस्था को कृषि मंत्री उत्तराखंड द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है.
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