पंचायत चुनाव: राज्य निर्वाचन आयोग ने भ्रामक सूचनाओं पर जारी किया खंडन, जानें वोटर और प्रत्याशी की पात्रता

देहरादून: हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के बाकी 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच तमाम तरह की भ्रामक और गलत सूचनाएं भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इसके साथ ही किसी भी एक व्यक्ति का नगर निकाय और पंचायत मतदाता सूची यानी दोनों में नाम होने पर नामांकन ना रद्द किए जाने संबंधित फैसले पर विपक्षी दलों में भी असमंजस्य की स्थिति बरकरार थी. इसको लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की है. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने इस पूरे मामले पर अपना खंडन जारी कर दिया है.

राज्य निर्वाचन आयोग ने खंडन करते हुए कहा है कि आगामी पंचायत चुनावों में उम्मीदवार की पात्रता के संबंध में भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. विशेष रूप से, यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि यदि किसी उम्मीदवार का नाम शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाता सूचियों में है, तो उसकी उम्मीदवारी को लेकर विभिन्न अपात्रताएं लागू होती हैं. ये भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पात्रता के संबंध में नए निर्देश जारी किए गए हैं.

 

सोशल मीडिया की भ्रामक और गलत सूचनाओं पर खंडन: इस संबंध में, जनसाधारण, संभावित उम्मीदवारों और मीडिया सहित सभी हितधारकों को सूचित एवं स्पष्ट किया जाता है कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पूर्ण रूप से उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथासंशोधित) के प्रावधानों के अनुसार ही संपन्न कराए जाते हैं. यानी किसी भी एक व्यक्ति का नगर निकाय और पंचायत मतदाता सूची यानी दोनों में नाम होने पर वो नामांकन भी कर सकता है और वोट भी डाल सकता

राज्य निर्वाचन आयोग खुद इस अधिनियम के प्रावधानों से निर्देशित है और अन्य सभी को भी इन्हीं प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पात्रता के संबंध में कोई नए निर्देश जारी नहीं किए हैं. जो निर्देश हैं, वे पहले से पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान हैं. अधिनियम में किसी भी उम्मीदवार के निर्वाचन के लिए मतदाता सूची में पंजीकरण, मताधिकार और निर्वाचित होने के अधिकार के संबंध में स्थिति स्पष्ट रूप से दी गई है.

 

ये लोग हैं मतदान के पात्र: अधिनियम की धारा 9(13) के अनुसार, व्यक्ति जिसका नाम ग्राम पंचायत के किसी प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में सम्मिलित हो, उस ग्राम पंचायत में मत देने और किसी भी पद पर निर्वाचन, नाम-निर्देशन या नियुक्ति के लिए पात्र होगा. इसी प्रकार के स्पष्ट प्रावधान क्षेत्र पंचायत के लिए धारा 54(3) और जिला पंचायत के लिए धारा 91(3) में दिए गए हैं.

इसके अलावा, पंचायत चुनावों में किसी उम्मीदवार की निरर्हता (Disqualifications) से संबंधित प्रावधान केवल उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा 8 (ग्राम पंचायत के लिए), धारा 53 (क्षेत्र पंचायत के लिए) और धारा 90 (जिला पंचायत के लिए) में विस्तृत रूप से दिए गए हैं. ऐसे में, किसी भी निराधार प्रचार पर विश्वास न करें. केवल उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 के आधिकारिक प्रावधानों और राज्य निर्वाचन आयोग की ओर जारी सूचनाओं पर ही भरोसा करें.

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