पीएम मोदी जनता को जल्द सौंपेंगे दिल्ली-दून एक्सप्रेसवे, ये है इसकी खासियत

देहरादून के मोहंड से दिल्ली अक्षरधाम तक बनने वाला दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे अब बनकर करीब करीब तैयार हो चुका है. यह पूरा प्रोजेक्ट 210 किलोमीटर का है. जिसके लिए अनुमानित लागत 13000 करोड़ रुपए लगाई गई थी.दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे तीन राज्य दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ता है. लेकिन इस एक्सप्रेसवे की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी गणेशपुर से देहरादून तक करीब 20 किलोमीटर की सड़क है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह एरिया फॉरेस्ट के बीचों-बीच का है, जहां एक्सप्रेसवे को तैयार करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है.

 

एक्सप्रेसवे पर तेजी से चल रहा कार्य:  दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे के चौथे चरण में तैयार किए जा रहे इस पैच की स्थिति का जायजा लिया. गणेशपुर से देहरादून के बीच का यह पूरा एक्सप्रेस वे 19.5 किलोमीटर का है. यहां कुछ जगह पर काम होता हुआ दिखाई दिया. इस एक्सप्रेसवे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा तैयार किया जा रहा है.

वैसे तो अगले एक महीने में इसके पूरी तरह से तैयार होने की स्थिति नहीं दिखाई दे रही है, लेकिन वैकल्पिक रूप से इसके एक हिस्से को तैयार कर लिया गया है. उधर अगले दो से तीन महीने में बचे हुए काम को भी पूरा कर लिया जाएगा. खासतौर पर उत्तराखंड इस प्रोजेक्ट के पूरी तरह से तैयार होने का लंबे समय से इंतजार कर रहा है और लगातार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से भी इसको लेकर बातचीत की जा रही है.

 

प्रदेश के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद अहम है और इसलिए इस एक्सप्रेसवे को शुरू करने के लिए NHAI से भी बातचीत की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक्सप्रेसवे को जल्द आम लोगों को सौंप सकते हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री से समय लेने को लेकर निवेदन कर दिया गया है और अगले कुछ समय में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा.

फिलहाल देहरादून से दिल्ली तक की दूरी करीब 6 से 7 घंटे की है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद इस दूरी को ढाई से 3 घंटे में ही पूरा कर लिया जाएगा. यानी देहरादून से दिल्ली की दूरी केवल ढाई से 3 घंटे की ही रह जाएगी. हालांकि इस एक्सप्रेसवे की एक खास बात इसका राजाजी टाइगर रिजर्व के बीचों-बीच से होकर गुजरना भी है. बड़ी बात यह है कि राजाजी के बीच से गुजरने के बाद भी एक्सप्रेसवे को इस तरह तैयार किया जा रहा है, ताकि वन्यजीवों के विचरण में किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए. इसके लिए इस क्षेत्र में एलिवेटेड रोड तैयार की गई है. बताया गया है कि वन्यजीवों के लिए एशिया में यह सबसे बड़ा कॉरिडोर बनाया गया है. एक्सप्रेसवे के बनने के बावजूद इसमें तैयार किए गए गलियारों से वन्य जीव आसानी से जंगल में विचरण कर सकेंगे और फर्राटा भरती गाड़ियों से इन वन्य जीवों के विचरण में कोई व्यवधान नहीं होगा.

पर्यटक स्थल के रूप में खास तौर पर देहरादून और मसूरी में पर्यटन के लिहाज से इसका बेहद ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. हालांकि उत्तराखंड सरकार राजधानी में भी इस एक्सप्रेसवे के लिहाज से ट्रैफिक का नया रूट प्लान भी तैयार करने पर विचार कर रही है. दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे की एक नहीं बल्कि कई ऐसी खासियतें हैं, जो इसे अपने आप में अलग बनाती हैं. वन्यजीवों को देखते हुए 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर इसमें तैयार किया गया है. यह एक्सप्रेसवे देहरादून तक पहुंचने के रास्ते को सुगम और कम समय वाला तो बनाएगा ही साथ ही उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े शहरों तक भी इसके जरिए पहुंच आसान होगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!