उत्तराखंड में इस समय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज है. इन्हीं चुनाव के बीच पौड़ी जिले के बीरोंखाल विकासखंड का बिरगण गांव खासा चर्चाओं में है. क्योंकि इस गांव के लोगों ने वोटिंग से पहले ही अपना प्रधान चुन लिया है. रिटायर्ड कर्नल यशपाल सिंह नेगी बिरगण गांव से निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने गए है. यशपाल सिंह नेगी ने ग्राम प्रधान पद के लिए दो जुलाई को अपना नामांकन भी कर दिया है. गांव में उनके खिलाफ किसी ने भी नामांकन नहीं किया है.
यह चुनाव परिणाम गांववासियों की एकजुटता और रिटायर्ड कर्नल नेगी के प्रति लोगों के विश्वास को दर्शाता है. यशपाल सिंह नेगी ने 30 सालों से ज्यादा तक भारतीय सेना में देश की सेवा की है. सेना से रिटायर्ड होने के बाद नेगी ने शहर को छोड़ गांव में बसने का ही फैसला लिया.
सेवानिवृत्ति के बाद नेगी ने अपने जीवन का उद्देश्य गांव की सेवा, कृषि और बागवानी को बनाया. उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर बंजर पड़ी 45 नाली भूमि को उपजाऊ बनाने का बीड़ा उठाया और उस पर पारंपरिक खेती की शुरुआत की.
वर्तमान में नेगी अपने खेत में जौ, मक्का, मंडुआ, सरसों और विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगा रहे हैं. नेगी ने बताया कि उनके गांव में करीब 350 लोगों रहते है और वे सभी के सहयोग से गांव को एक आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करना चाहते हैं.
यशपाल सिंह नेगी के बारे में जानिए: यशपाल सिंह नेगी ने 1981 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. उन्होंने 6 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री (1 गढ़वाल राइफल) में जवान के रूप में अपनी सेवाएं दीं. वर्ष 1986 से 1990 तक वह भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रशिक्षणरत रहे. प्रशिक्षण के उपरांत वह सेना आयुध कोर (Army Ordnance Corps) में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशंड हुए और विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश सेवा में लगे रहे. साल 2016 में यशपाल सिंह नेगी कर्नल के पद से रिटायर्ड हुए. इसके बाद भी वो चार वर्षों तक री-एम्प्लॉयमेंट के तहत सेवाएं देते रहे. अगस्त 2020 में पूर्ण रूप से सेवा निवृत्त होकर उन्होंने गांव लौटने का निर्णय लिया और तब से वे पारंपरिक खेती के माध्यम से पहाड़ में रहकर कार्य कर रहे हैं.














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