राजधानी देहरादून में एक स्कूल के अंदर छोटे छोटे बच्चों से रेत बजरी उठाने और फावड़ा चलाते हुए मजदूरी करवाने का मामला सामने आया है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय बांध विस्थापित बंजारावाला देहरादून में बच्चों से मजदूरी करवाे का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.
छात्रों से मजदूरी करवाने के मामले में टीचर सस्पेंड: देहरादून के जिला अधिकारी सविन बंसल के संज्ञान में जैसे ही ये मामला आया, वैसे ही उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से इस पर एक्शन लेने के निर्देश दिए. जिसके बाद तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक ने संज्ञान लेते हुए संबंधित शिक्षिका को निलंबित कर दिया है. साथ ही मामले की विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.
मामला तब सामने आया जब 6 अक्टूबर 2025 को एक वीडियो जिलाधिकारी देहरादून के पास पहुंचा जिसमें विद्यालय परिसर में बच्चों को स्कूल समय के दौरान मजदूरों की तरह मिट्टी उठाते हुए देखा गया. वीडियो में स्कूल स्टाफ की मौजूदगी हालांकि नदारद थी. जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे कि आखिरकार कौन शिक्षक है, जो इन मासूम बच्चों ऐसे काम ले रहा है और किसी की नजर नहीं पड़ रही है.
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने दिखाया सख्त रुख: मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून विनोद कुमार बडोनी ने इस मामले पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि-विद्यालय में बच्चों से सफाई कार्य करवाने जैसी गतिविधि अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती है. इसके लिए संबंधित शिक्षिका को निलंबित किया जाता है. साथ ही अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक देहरादून प्रमिला भारती द्वारा जारी आदेश में उप शिक्षा अधिकारी रायपुर को जांच अधिकारी नामित किया गया है. उन्हें 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
विभाग ने माना गंभीर लापरवाही: जांच आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्राथमिक शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुसार विद्यालय परिसर में सफाई व्यवस्था के लिए स्कूल प्रबंधन समिति या सहायक स्टाफ जिम्मेदार होता है न कि विद्यार्थी. ऐसे में बच्चों से सफाई कार्य करवाना बच्चों के अधिकारों का हनन माना गया है. विभाग ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी विद्यालय में बच्चों से गैर-शैक्षणिक कार्य न कराया जाए.ऐसे मामलों में शून्य सहिष्णुता नीति अपनाई जाएगी. हम स्पष्ट करते हैं कि यदि भविष्य में किसी भी स्कूल में इस प्रकार की घटना दोबारा पाई गई तो संबंधित हेड टीचर और ब्लॉक अधिकारी के विरुद्ध भी प्रत्यक्ष कार्रवाई की जाएगी.













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