तीन साल की जेल, एक करोड़ रुपये का जुर्माना, लोगों को ‘करोड़पति’ बनने का ख्वाब देखाने वाले गेमिंग ऐप्स का खेल खत्म

नई दिल्ली: टीवी देखने से लेकर सोशल मीडिया यूज करने तक आजकल जमकर ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के विज्ञापन हमारे सामने आते हैं. इनमें लोगों दो घंटे में करोड़पति बनने का सपना दिखाया जाता है. ये सपना देखकर बहुत से लोग करोड़पति बनने का ख्वाब देखने लगते हैं और अपनी कमाई इन गेम्स में लगा देते हैं और अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं.

 

वहीं, सरकार ने इस समस्या को देखते हुए संसद में एक नया बिल पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग और इनके विज्ञापनों पर बैन लगाया जाएगा, ताकि लोग झांसे में न आएं और अपनी मेहनत की कमाई गंवाने से बच सकें.

क्या है ऑनलाइन गेमिंग बिल ?

सरकार ने जो कानून पेश किया उसका नाम प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 है. इस बिल का मकसद ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी पैसों की लेनदेन और विज्ञापन पर रोक लगाना है. आसान भाषा में कहें तो अब आप ऑनलाइन गेमिंग में पैसे नहीं लगा सकेंगे. PTI की एक रिपोर्ट मुताबिक अगर कोई कंपनी या गेमिंग ऐप पैसे का लेनदेन करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

रिपोर्ट के मुताबिक बिल में गेम्स में पैसा लगाने या इस तरह के ऐप्स से पैसा लेनदेन करने पर जेल का प्रावधान है. इस बिल से उन ऐप्स पर रोक लगेगी जो लोगों को ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए प्रेरित करती हैं. इसके अलावा उन ऑनलाइन गेम्स पर भी रोक लगाई जाएगी, जिनमें लोग पैसे लगाते हैं.

बिल में कहा गया है कि जो ऑनलाइन गेम्स सट्टा या जुए की तरह होते हैं और लोग उनमें पैसे लगाकर जीतने की कोशिश करते हैं, उन्हें बैन किया जाएगा. ऐसे गेम्स को चलाना, किसी भी तरह से बढ़ावा देना या लेन-देन करना गैर कानूनी माना जाएगा.

सजा और जुर्माने का प्रावधान

PTI के अनुसार अगर कोई शख्स या कंपनी पैसे लगाने वाले ऑनलाइन गेम्स चलाता है तो उसे तीन साल तक की जेल, या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजा मिल सकती हैं. इतना ही नहीं अगर कोई बार-बार इस नियम को तोड़ता है तो उसको पांच साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यह सजा प्रावधान उन लोगों पर लागू होगा जो इन गेम्स का विज्ञापन करते हैं या किसी भी तरह से लेनदेन में शामिल होते हैं.

 

क्या गेम खेलने वालों को सजा मिलेगी?

रिपोर्ट के अनुसार बिल में यह साफ तौर पर बताया गया है कि जो लोग सिर्फ ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं, उन्हें अपराधी नहीं माना जाएगा. चाहे ही वे गेम में पैसे ही क्यों न लगा रहे हों. ऐसे लोगों को कानून के तहत दोषी नहीं, बल्कि पीड़ित माना जाएगा और उन्हें सजा नहीं दी जाएगी. रिपोर्ट के मुताबित सजा केवल उन लोगों को दी जाएगी जो ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं और ऐसे गेम्स चलाते हैं जिनमें पैसे का लेनदेन होता है.

क्यों लाया गया बिल?

सरकार चाहती है कि भारत में ई-स्पोर्ट्स और गेमिंग सही तरीके से डेवलपमेंट हो, ताकि यह एक अच्छा कारोबार बन सके. इसके अलावा सरकार उन लोगों को भी बचाना चाहती है, जो अमीर बनने के चक्कर में ऑनलाइन गेमिंग में अपनी कमाई लगा देते और फिर उस पैसे को गंवा देते हैं.

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