पंतनगर विश्वविद्यालय परिसर के जनरल बिपिन रावत छात्रावास में शुक्रवार दोपहर बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र नीरज का शव फंदे से लटका मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रुद्रपुर भेज दिया। इस दर्दनाक घटना से छात्रावास में शोक और दहशत का माहौल है।
किच्छा के दरऊ का रहने वाला 20 वर्षीय नीरज, छोटे लाल का बेटा था और हाल ही में उसने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था। छात्रावास के कमरा नंबर-75 में वह दो अन्य छात्रों के साथ रह रहा था। 20 अगस्त को विश्विद्यालय खुलने के बाद ही सभी छात्र यहां पहुंचे थे।
शुक्रवार सुबह लगभग 9:30 बजे सभी छात्र अपनी कक्षाओं के लिए निकल गए। नीरज ने साथियों से कहा कि उसका पढ़ने का मन नहीं है और वह कमरे में ही रुका रहा। दोपहर करीब 1:30 बजे लंच के समय जब उसके साथी लौटे और दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला। काफी देर इंतजार के बाद सुरक्षा कर्मियों को सूचना दी गई। उच्चाधिकारियों और पुलिस की मौजूदगी में दरवाजा तोड़ा गया तो सबके होश उड़ गए, नीरज रस्सी के सहारे पंखे से लटका मिला।
मौके से मिले सुसाइड नोट में नीरज ने अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई को लेकर अपनी असहजता और निराशा का जिक्र किया है। बेहद गरीब परिवार से आने वाले नीरज ने अब तक हिंदी माध्यम से पढ़ाई की थी, जिससे बीटेक की अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं उसे समझ में नहीं आती थीं। इससे वह गहरे तनाव में था और बार-बार पढ़ाई छोड़ने की बात करता था।
2 दिन पहले ही नीरज के परिजन विश्वविद्यालय पहुंचे थे। उन्होंने विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. स्वामी और एडवाइजर डॉ. अलकनंदा अशोक से मिलकर उसकी काउंसलिंग करवाई थी। बावजूद इसके नीरज का तनाव कम नहीं हुआ और वह लगातार घर लौटने की जिद कर रहा था।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विवि प्रशासन ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इस हादसे ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि उच्च शिक्षा में भाषा की बाधा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर छात्रों को पर्याप्त सहयोग और परामर्श क्यों नहीं मिल पा रहा।













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