देहरादून। उत्तराखंड में वर्षों से चर्चा में रहे छात्रवृत्ति घोटाले पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई तेज कर दी है। एजेंसी ने DIT यूनिवर्सिटी के चेयरमैन अनुज अग्रवाल को नोटिस भेजते हुए 10 दिनों के भीतर पूरा जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
नोटिस में उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि संस्थान ने SC–ST छात्रवृत्ति के तहत कितनी राशि प्राप्त की, उस राशि का उपयोग कैसे किया गया और वास्तविक लाभार्थी छात्रों का डेटा क्या है। साथ ही, वित्तीय लेनदेन से जुड़े सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा गया है।
2010–2017 के बीच बड़े पैमाने पर घोटाला
ईडी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2017 के बीच सामाजिक कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना का दुरुपयोग किया गया। कथित तौर पर कई संस्थानों ने फर्जी नामों पर छात्रवृत्ति राशि उठाई, जिससे करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई।
एजेंसी द्वारा की गई जांच में पाया गया कि—
कई निजी कॉलेजों में दाखिले के डेटा और फीस रिकॉर्ड में बड़ा अंतर
कई छात्रों के नामांकन दस्तावेज संदिग्ध
खातों में अनियमित ट्रांजेक्शन के प्रमाण
कथित तौर पर छात्रवृत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग में उपयोग करने के संकेत
कई संस्थानों की संपत्तियां अटैच
सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय अब तक इस घोटाले में संलिप्त पाए जाने वाले कई संस्थानों की संपत्तियां अटैच कर चुका है। इसके अलावा, प्रत्येक संस्थान के खातों, दस्तावेजों और छात्र सूची का मिलान कर नई विसंगतियां भी सामने आ रही हैं।
शिक्षण संस्थानों में मची हलचल
जांच की रफ्तार बढ़ने के बाद राज्य के कई निजी संस्थानों ने अपने-अपने स्तर पर संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा शुरू कर दी है। ईडी का कहना है कि जांच अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और आने वाले दिनों में कुछ और बड़े चेहरों से पूछताछ और कार्रवाई की संभावना है।
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