दिग्गज अभिनेता असरानी का 84 वर्ष की आयु में निधन,हिंदी सिनेमा मे शोक की लहर

दिग्गज अभिनेता असरानी का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके भतीजे अशोक असरानी ने इस खबर की पुष्टि की. हिंदी सिनेमा के वरिष्ठ और बहुमुखी अभिनेता गोवर्धन असरानी का बीते दिन शाम 4 बजे लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे मूल रूप से जयपुर, राजस्थान के निवासी थे. असरानी ने अपनी शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, जयपुर से प्राप्त की.

 

हास्य अभिनय के क्षेत्र में असरानी का योगदान अमूल्य रहा है. कई दशकों तक उन्होंने हिंदी सिनेमा को कई यादगार किरदार दिए और दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई. असरानी का करियर उनकी बहुमुखी प्रतिभा और दीर्घायु का प्रमाण है, जो पांच दशकों से भी ज़्यादा समय तक चला, जिसमें 350 से ज़्यादा फिल्में शामिल थीं

.उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान हास्य और सहायक अभिनेता के रूप में रहा, जिनकी भूमिकाएं कई प्रमुख हिंदी फिल्मों की रीढ़ बनीं. 1970 का दशक उनके करियर का चरम था, जहां वे सबसे भरोसेमंद कैरेक्टर आर्टिस्ट में से एक बन गए और ‘मेरे अपने’, ‘कोशिश’, ‘बावर्ची’, ‘परिचय’, ‘अभिमान’, ‘चुपके-चुपके’, ‘छोटी सी बात’, ‘रफू चक्कर’ जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों में नजर आए.

1975 में रिलीज हुई बेहद लोकप्रिय फिल्म शोले में सनकी जेल वार्डन की उनकी भूमिका एक अविस्मरणीय सांस्कृतिक कसौटी बन गई. उन्होंने कॉमिक टाइमिंग और डायलोग अदायगी के उस्ताद के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली.

 

फिल्मों में निर्देशन में भी हाथ आजमाया

एक्टिंग के अलावा असरानी ने फिल्म निर्माण के अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं. उन्होंने कुछ फिल्मों में मुख्य नायक के रूप में सफलतापूर्वक अपनी पहचान बनाई. खासकर 1977 की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित हिंदी फिल्म ‘चला मुरारी हीरो बनने’ में, जिसे उन्होंने लिखा और निर्देशित किया था. उन्होंने अपने करियर में ‘सलाम मेमसाब’ (1979) और कई अन्य फिल्मों में निर्देशन में भी हाथ आजमाया.

 

गुजराती सिनेमा में भी किया काम

उनका काम गुजराती सिनेमा तक भी फैला, जहां उन्होंने मुख्य भूमिकाएं निभाईं और 1970 और 1980 के दशक में उन्हें काफी सफलता मिली. कई रचनात्मक भूमिकाएं निभाने की उनकी इच्छा ने एक अभिनेता के दायरे से परे सिनेमा की कला के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया.’

84 वर्षीय असरानी को हाल ही में आई कुछ कॉमेडी फिल्मों, जैसे ‘धमाल’ फ्रैंचाइजी में काम करने के लिए भी जाना जाता है. फिल्म में अभिनेता आशीष चौधरी के पिता की उनकी भूमिका को खूब सराहना मिली. हालांकि, इस दिग्गज अभिनेता की सबसे प्रतिष्ठित भूमिका रमेश सिप्पी की एक्शन-ड्रामा फिल्म ‘शोले’ में जेलर की है. उनके निधन की खबर से फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसक गहरे शोक में हैं

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