देहरादून: बनारस और हरिद्वार के बाद अब ऋषिकेश में भी अंडरग्राउंड विद्युत लाइनें होंगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए एक बड़ा बजट जारी किया है. केंद्र सरकार ने इसके लिए 547 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं. ऋषिकेश देश का तीसरा शहर होगा जिसकी अंडरग्राउंड विद्युत लाइन होगी. इससे पहले हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले को देखते हुए मुख्य बाजार को केबल मुक्त करते हुए अंडरग्राउंड केबलिंग का कार्य किया था.
हरिद्वार शहर में आज भी अंडरग्राउंड केबलिंग का काम अधूरा है. यहां अंडरग्राउंड केबलिंग के नाम पर केवल 60 फीसदी काम हुआ है. 40फीसदी काम आज भी रुका हुआ है. त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई ये योजना हरिद्वार पूरी होने से पहले ही दम तोड़ती नजर आती है. हरिद्वार के मुख्य बाजारों में आज भी बिजली के तारें लटकती दिखती हैं. जिसके कारण यहां पहुंचने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
हरिद्वार में इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 300 करोड़ रुपए से अधिक जारी किए थे. उसे वक्त सरकार ने अंडरग्राउंड केबलिंग के नाम पर खूब हल्ला मचाया था, लेकिन आज भी हरिद्वार शहर तारों में उलझा हुआ है. खुद हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित भी इस बात की तस्दीक कर चुके हैं.
हरिद्वार में अंडरग्राउंड केबलिंग के अधूरे काम के बाद से अजीब से हालात हैं. आलम यह है कि बिजली विभाग में कार्य करने वाले कर्मचारी अंडरग्राउंड केबल में फॉल्ट आ जाने के बाद ठीक नहीं कर पा रहे हैं. हरिद्वार की गायत्री विहार कॉलोनी में तो पिछले 3 महीने से हर हफ्ते 20-20 घंटे बिजली जा रही है. इसका कारण भी अंडरग्राउंड केबल में फॉल्ट होना बताया जा रहा है. स्थानीय निवासी कुणाल ने बताया वे बिजली विभाग में फोन कर करके थक गए हैं, परंतु इसका समाधान नहीं हो रहा है.
हरिद्वार में अधूरे काम के बाद अब ऋषिकेश में विद्युत लाइनों को अंडरग्राउंड करने की तैयारी है. जिसके लिए केंद्र ने ₹547 करोड़ स्वीकृत किये हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है. ऋषिकेश कुंभ क्षेत्र (गंगा कॉरिडोर) में विद्युत लाइनों के भूमिगतीकरण तथा ऋषिकेश, हरिद्वार एवं देहरादून में विद्युत प्रणाली को स्वचालित (स्काडा) किए जाने के लिए प्रस्तावित डीपीआर के सापेक्ष केंद्र सरकार से कुल 547.83 करोड़ की स्वीकृति दी है.
बता दें केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार हरिद्वार, ऋषिकेश कॉरिडोर को लेकर आगे बढ़ रही हैं. चार धाम यात्रा के दौरान इन दोनों ही शहरों में सबसे अधिक यात्रियों का दबाव रहता है. ऐसे में केंद्र सरकार इन दो शहरों को व्यवस्थित करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है. जिसमें हरिद्वार कॉरिडोर के साथ-साथ ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर भी शामिल है. इसी कड़ी में हरिद्वार और ऋषिकेश में अंडरग्राउंड केबलिंग का कार्य किया जा रहा है, मगर इसे धरातल पर उतारने की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है.
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