प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि सायरन की आवाज सुनकर घबराएं नहीं, यह केवल मॉक अभ्यास का हिस्सा है।
Mock Drill का उद्देश्य: Disaster Response और Coordination को परखना
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि इस मॉक अभ्यास का उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया (Quick Response) और एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय (Inter-agency Coordination) सुनिश्चित करना है।
इस दौरान भूकंप की काल्पनिक स्थिति तैयार की जाएगी, जिसमें राहत और बचाव कार्यों का डेमो किया जाएगा ताकि वास्तविक आपदा के समय कम से कम रिस्पॉन्स टाइम में कार्रवाई हो सके।
इन 10 स्थानों पर होगा मॉक अभ्यास
मॉक ड्रिल को लेकर प्रशासन ने जिले के प्रमुख स्थानों को चिह्नित किया है —
➡️ तहसील सदर क्षेत्र में:
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कोरोनेशन अस्पताल
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महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम
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आईएसबीटी
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विद्युत उप केंद्र आराघर
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जल संस्थान खंड दिलाराम चौक
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पैसिफिक मॉल क्षेत्र
➡️ अन्य स्थानों पर:
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कालसी क्षेत्र के पाटा गांव और राइका कस्तूरबा गांधी विद्यालय
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विकासनगर के सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र
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ऋषिकेश में टीएचडीसी के पास
इन सभी स्थानों पर एक साथ Emergency Siren Alert बजाया जाएगा और Rescue Operation Mock Exercise किया जाएगा।
Multi-Agency Coordination: पुलिस, SDRF, NDRF और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त भागीदारी
इस मॉक ड्रिल में प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन दल, पीआरडी, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित जिले की सभी प्रमुख एजेंसियां भाग लेंगी।
इसके लिए बृहस्पतिवार को Table Top Exercise आयोजित की गई, जिसमें आईआरएस से जुड़े नोडल अधिकारियों को उनके दायित्वों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
Citizens Advisory: सायरन सुनकर घबराएं नहीं
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि
“15 नवंबर को यदि सुबह 9:30 बजे के आसपास तेज सायरन की आवाज सुनाई दे, तो घबराएं नहीं — यह केवल मॉक अभ्यास का हिस्सा होगा।”
मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को भूकंप के समय सुरक्षा के उपायों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।
अधिकारियों की मौजूदगी में हुई तैयारी बैठक
टेबल टॉप एक्सरसाइज के दौरान एसडीएम सदर हरिगिरी, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, सीएमओ डॉ. एम.के. शर्मा, परियोजना निदेशक विक्रम सिंह, डीडीओ सुशील कुमार, डीएसओ के.के. अग्रवाल, डीडीएमओ ऋषभ कुमार सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।













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