इस कार्रवाई में 7 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया, जबकि 7 प्रतिष्ठानों के खिलाफ थाना स्तर पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है। कुल 23 प्रतिष्ठानों की जांच की गई।
डीएम सविन बंसल का सख्त संदेश
डीएम ने कहा—
“बच्चों से उनका बचपन और शिक्षा छीनने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके हाथों में भिक्षा कटोरा या औज़ार नहीं, सिर्फ़ कलम होनी चाहिए। जनपद में किसी भी तरह की अवैध बालश्रम गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने समाज से अपील की कि यदि कहीं नाबालिग बच्चे काम करते दिखें तो तुरंत जिला प्रशासन को सूचना दें।
अभियान में किन क्षेत्रों से बच्चे रेस्क्यू हुए?
🔹 थाना विकासनगर क्षेत्र
कुल 9 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी
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M/s AB Fabrication, जीवनगढ़ – 1 बाल श्रमिक
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M/s New Bharat Tyre Puncture, जीवनगढ़ – 1 बाल श्रमिक
🔹 थाना पटेलनगर क्षेत्र
कुल 12 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी
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दिल्ली ऑटो मोबाइल, कारगी चौक – 1 बाल श्रमिक
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सुहैल बॉडी केयर, मेंहूवाला – 1 बाल श्रमिक
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अख्तर वुड वर्क, मेंहूवाला – 1 बाल श्रमिक
🔹 थाना सहसपुर क्षेत्र
कुल 2 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी
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श्री बालाजी ऑटो रिपेयर पार्ट्स – 1 बाल श्रमिक
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ब्रदर्स रेस्टोरेंट, लांघा रोड – 1 बाल श्रमिक
रेस्क्यू के बाद की प्रक्रिया
रेस्क्यू किए गए बच्चों का
✔ मेडिकल परीक्षण किया गया
✔ उन्हें बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), केदारपुरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया
✔ आगे की काउंसलिंग व पुनर्वास प्रक्रिया शुरू
प्रशासन ने प्रतिष्ठानों के मालिकों के खिलाफ बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
संयुक्त टीम की भूमिका
इस पूरे अभियान में शामिल थे—
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श्रम विभाग
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पुलिस विभाग
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DTF टीम
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बचपन बचाओ आंदोलन
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बाल विकास विभाग
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अन्य गैर सरकारी संगठन
संयुक्त टीमों ने मौके पर प्रतिष्ठान संचालकों को बाल अधिकारों और श्रम कानूनों की जानकारी भी दी।
अभियान आगे भी जारी रहेगा
डीएम ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कार्यवाहियां नियमित रूप से जारी रहेंगी और बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने तक अभियान नहीं रुकेगा।












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