सरकार ने नही किया तो यहां लोगों ने खुद ही कर दिया अपने गांव में भू कानून लागू
अलमोड़ा : उत्तराखंड में दशकों से भू कानून की मांग की मांग चल रही है लगातार इसके लिए आंदोलन हो रहे है लोग सड़कों पर उतर रहे है। राज्य के लोग प्रदेश में एक सशक्त भू कानून की मांग कर रहे है लेकिन सियासत के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है, लोगों की आवाज किसी भी राजीतिक नेता के के कानों में नही जा पा रही, बाहरी लोग औने पौने दामों पर जमीन खरीद कर यहां रिजॉर्ट और होटल बना रहे है। लंबे समय तक जब सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो अलमोड़ा में स्थित सल्ट विकासखंड के कालीगढ़ के गांव वालों ने अपने गांव में खुद ही भू कानून लागू कर दिया।
भू कानून लागू होने का मतलब यह है कि यहां कोई भी बाहरी व्यक्ति अब जमीन नहीं खरीद पाएगा। इस कदम के बाद बाद यह उत्तराखंड में एक मिसाल बनने जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके संसाधनों पर केवल उनका ही अधिकार है। वह अपने गांव के विकास की दिशा खुद तय करेंगे।
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कालीगाड़ ग्राम सभा करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर बसी है। यहां करीब 100 परिवार रहते हैं। इन परिवारों की कुल जनसंख्या 600 के आसपास है। गांव का नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर है जो यहां से 75 किमी दूर है।
ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन और यहां की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए गांव के सभी लोगों ने यह निर्णय लिया है। यह भी फैसला किया है कि गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना सत्यापन के नहीं आएगा। गांव को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा सके, इसके लिए गांव के सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं। –मंजू कांडपाल, ग्राम प्रधान, कालीगाड़।
पर्वतीय क्षेत्रों में जिस तरह से भूमि व अन्य मामलों से जुड़े अपराधों में वृद्धि हो रही है उस लिहाज से ग्रामीणों का यह निर्णय सराहनीय हैं। ग्रामीण जागरूक होंगे तो प्रशासन को भी आपराधिक गतिविधियों से निपटने में मदद मिलेगी। गांव के लोगों काे प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी।- आबिद अली, तहसीलदार सल्ट।