वन विकास निगम की फिर किरकिरी, नियम के विरुद्ध 40 अफसरों को दे दिए कुक

देहरादून :  वन विकास निगम  फिर से सुर्खियों में हैं। बीते दिन वन विकास निगम अपने हटाए गए कर्मचारी की वजह से चर्चाओं में था अब अनियमित रूप से अफसरों को कूक देने को लेकर फिर सुर्खियों में है।

आपको बता दें अफसरों की मनमानी से आए दिन वन विकास निगम की किरकिरी हो रही है। पिछले साल बनी सेवा नियमावली में किसी अफसर के पास कुक रखने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद 40 अफसरों ने अपने सरकारी या निजी आवास पर कुक तैनात कर दिए। जबकि, केवल आईएफएस कैडर की पांच पोस्ट के पास ही यह अधिकार है।

वन विकास निगम में दो तरह के करीब 80 कुक कार्यरत हैं। करीब 40 फील्ड ड्यूटी के कुक हैं, जो डिपो, खनन या लकड़ी कटान वाली साइट पर अधिकारियों व कर्मचारियों का भोजन बनाने के लिए तैनात किए जाते हैं। बाकी करीब 40 कुक मुख्यालय और दूसरे दफ्तरों में आउटसोर्स या डेलीवेज आधार पर नियुक्ति किए गए हैं।

इनमें भी आईएफएस कैडर की पोस्ट जैसे एमडी, जीएम-गढ़वाल, जीएम कुमाऊं और आरएम की दो पोस्ट पर तैनात अफसर को ही कुक दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन, डीएलएम प्रभारी से लेकर प्रभारी आरएम तक लगभग हर अफसर को कुक दे दिए गए हैं, जो सेवा नियमावली का भी उल्लंघन है।

 

इस मामले को लेकर कर्मचारियों में रोष है। उनका कहना है कि वन निगम में कर्मचारियों की भारी कमी के चलते कुक को कहीं और काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। वन विकास निगम कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रेम सिंह चौहान ने इस मामले में एमडी को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग उठाई है। उन्होंने जानकारी दी कि, सेवा नियमावली में किसी भी अफसर को कुक देने का प्रावधान नहीं है। हालांकि, वन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आईएफएस को यह अधिकार दिया गया है।

 

मंत्री बोले-इस मामले की जांच करवाएंगे

इस मामले में एमडी जीएस पांडे से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और ना ही मैसेज का जवाब दिया। दूसरी ओर, इस मामले में वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि यह मामला काफी गंभीर है। अगर सेवा नियमावली के विरुद्ध अधिकारियों ने खुद ही कुक या खलासी ले लिए हैं तो उनको हटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे इस मामले की जांच करवाएंगे।

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