उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी 2025 जल्द बनकर तैयार हो जाएगी. इसके लिए सचिवालय में मुख्य सचिव के समक्ष ड्राफ्ट पेश किया गया. जिस पर विभिन्न बिंदुओं को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा भी की गई. पॉलिसी में इंसेंटिव प्रावधानों को जोड़ने के निर्देश दिए गए. ताकि, प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा दिया जा सके.
इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी 2025 पर काम: पर्यावरण संरक्षण को लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को देशभर में बढ़ावा देने के प्रयास हो रहे हैं. इस कड़ी में साल 2030 तक देशभर में 30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग का लक्ष्य रखा गया है. जाहिर है कि उत्तराखंड को भी राष्ट्रीय स्तर पर लिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी हिस्सेदारी निभाई होगी. इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहन (मैन्युफैक्चरिंग एंड परचेसिंग) पॉलिसी 2025 पर काम कर रही है.
दरअसल, इस पॉलिसी को लेकर राज्य सरकार ने होमवर्क कर लिया है और अगले एक महीने में इस पॉलिसी के धरातल पर उतरने की उम्मीद है. इसको लेकर सचिवालय में मुख्य सचिव आनंद वर्धन की मौजूदगी में इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी 2025 का ड्राफ्ट पेश किया गया. उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल इकोसिस्टम तैयार करने के उद्देश्य से तैयार की जा रही
उत्तराखंड में ग्रीन परिवहन की सोच के साथ पॉलिसी में इंसेंटिव के प्रावधानों को भी जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उपयोगकर्ताओं के अलावा मैन्युफैक्चरर को भी इंसेंटिव के रूप में पॉलिसी के माध्यम से प्रावधान करना जरूरी है. ताकि, इसको अपनाने में लोग रुचि दिखाएं.
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने ये भी स्पष्ट किया कि बेहतर इंसेंटिव देने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन के अनुकूल में आने वाले अवरोधों पर भी त्वरित समाधान के प्रयास किए जाएं. साथ ही इसकी निगरानी तंत्र को भी बेहतर किया जाए. इस दौरान कैपिटल सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी, ब्याज सब्सिडी, भूमि रिबेट और रिसर्च एंड डेवलपमेंट फैसिलिटी जैसे इंसेंटिव का प्रावधान किया जा सकता है
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