उत्तराखंड सरकार, प्रदेश में बनी लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल पर जोर दे चुके हैं. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार, लोकल उत्पादों का अधिक से अधिक दैनिक जीवन में इस्तेमाल करने की बात कह रही है. इसके साथ ही सरकारी कार्यक्रमों में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार की गई उत्पादों का इस्तेमाल हो इसके लिए निर्देश भी दिए गए हैं. दरअसल, सीएम धामी ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. इस दौरान सचिवालय परिसर में लगे महिला स्वयं सहायता समूहों के रक्षाबंधन स्टॉलों का निरीक्षण भी किया.
स्टॉलों का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के तमाम विकासखण्डों में महिला स्वयं सहायता समूहों से वर्चुअल संवाद किया. सीएम धामी ने राज्य के सभी सरकारी कार्यक्रमों व समारोहों में केवल महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्मृति चिन्ह, शॉल व भेंट उपयोग में लाने के शासनादेश को जारी करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाओं को ग्रोथ सेन्टर में प्रशिक्षण दिलवाने, महिला स्वयं सहायता समूहो द्वारा तैयार उत्पादों को राज्य के अम्बै्रला ब्राण्ड हॉउस ऑफ हिमालयाज से जोड़ने, सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा बनाए गए उत्पादों की क्वालिटी कण्ट्रोल पर विशेष ध्यान देने तथा उत्पादों की बेहतरीन पैंकेजिंग व मार्केटिंग को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शासन-प्रशासन को राज्य की महिलाओं को लखपति दीदी से करोड़पति दीदी बनाने के विजन के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तराखंड में दूसरी औद्योगिक क्रांति आई है जिसका लाभ महिला स्वयं सहायता समूह को भी उठाना चाहिए. सीएम धामी ने हर जिले की तमाम विकासखण्डों के बहुत से महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से संवाद करते हुए उनके स्वयं सहायता समूहों द्वारा कौन-कौन से उत्पाद बनाए जा रहे हैं, स्वयं सहायता समूहों को कितना लाभ हो रहा है, हर स्वयं सहायता समूहों से कितनी महिलाएं जुड़ी हैं, स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने के बाद महिलाओं की आय में कितनी वृद्धि हुई, समूहों में कार्य करने से महिलाओं को क्या लाभ हुआ, महिलाओं द्वारा बनाएं गए उत्पादों की आपूर्ति की क्या स्थिति है, जैसी विस्तृत जानकारी ली.
सीएम धामी ने महिला स्वयं सहायता समूहों से उनके उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग पर भी चर्चा की. उन्होंने जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में महिला स्वयं सहायता समूहों से सहयोग व सहायता करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक क्रान्ति की सबसे बड़ी संवाहक हैं. महिला स्वयं सहायता समूहों से एसएचजी के और अधिक विस्तार व महिलाओं को स्वरोजगार में प्रोत्साहन के सम्बन्ध में सरकार को सुझाव देने के लिए भी आमंत्रित किया. सीएम ने महिला स्वयं सहायता समूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी मातृशक्ति के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है.
हमारी सरकार ने “उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन” के अंतर्गत प्रदेश की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें संगठित करने का काम किया है, ताकि उनके जीवन में आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और गरिमा का नया अध्याय जुड़ सके. आज राज्य में 68 हजार स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाकर लगभग 5 लाख महिलाएं संगठित होकर अपना व्यवसाय कर रही हैं. आज 7 हजार से अधिक ग्राम संगठन और 500 से अधिक क्लस्टर संगठनों के माध्यम से राज्य की महिलाएं सामूहिक नेतृत्व की एक अद्वितीय मिसाल पेश कर रही हैं.
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