पंतनगर में बनाया जाएगा नया फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल, हवाई सफर को सुरक्षित बनाने के लिए डिजिटल मैपिंग पर जोर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकारी योजनाओं के साथ-साथ विभागों की कार्यशैली को और मजबूत किए जाने पर जोर दे रहे है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद विभागों योजना की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. मंगलवार 22 जुलाई को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में नागरिक उड्डयन विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा की.

 

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चल रही परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए. साथ ही राज्य में दूरस्थ क्षेत्रों तक आवाजाही को सुगम बनाने के लिए हवाई सेवाओं का नेटवर्क बढ़ाए जाने पर जोर देने को कहा. इसके साथ हवाई सेवाओं में सुरक्षा मानकों का भी सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में एयरो स्पोर्ट्स को भी बढ़ावा देने के प्रयास किए जाने के साथ ही चारधामों के लिए नियमित चार्टर सेवा शुरु करने के भी निर्देश दिए. इसके अलावा बैठक के दौरान नागरिक उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि पायलट प्रशिक्षण के लिए पंतनगर में नया फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया जा रहा है. हवाई यातायात को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए इसरो के साथ मिलकर डिजिटल मैपिंग की क्षमता विकसित की जा रही है.

वहीं, यूकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) के जरिए उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम के तहत देहरादून-जोशीमठ और जोशीमठ- बदरीनाथ के बीच शटल सेवा. पिथौरागढ़- धारचूला और पिथौरागढ़-मुनस्यारी के बीच हवाई सेवा शुरु करने की तैयारी की जा रही है. इसी तरह आदि कैलाश क्षेत्र में तीर्थाटन और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गुंजी से सीधी हेलीकॉप्टर सेवा शुरु करने की योजना है. केदारनाथ हेली सेवा को मजबूत बनाने के लिए गरुड़चट्टी के पास हेलीपैड बनाया जा रहा है.

 

देहरादून और पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार: वहीं बैठक में जानकारी दी गई कि पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं. पंतनगर एयरपोर्ट विस्तार कार्य 2027-28 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसी तरह वर्ष 2026 तक जौलीग्रांट एयरपोर्ट को इंटरनेशनल मानकों के अनुसार विकसित किया जा रहा है. गुंजी, मुनस्यारी और आदि कैलाश क्षेत्र की आवश्यकताओं एवं पर्यटन विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पिथौरागढ़ हवाई पट्टी को रीजनल हब सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है. साथ ही भारतीय सेना के सहयोग से सीमांत क्षेत्रों में नए हेलीपैड भी बनाए जाने की योजना है.

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