देहरादून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीजेपी द्वारा 30 करोड़ की एफडी कराए जाने वाले बयान से प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. अब हरक सिंह रावत के बयान का नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी समर्थन किया है. यशपाल आर्य ने कहा कि जब वो बीजेपी में थे तो उन्होंने भी आजीवन सहयोग निधि में चेक के जरिए रुपए दिए थे.
यशपाल आर्य का चैलेंज: यशपाल आर्य ने तो चैलेंज देते हुए ये कहा कि यदि सरकार ईमानदार है तो बीजेपी संगठन ने आजीवन सहयोग निधि से जो धन इकट्ठा किया है, उसे सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि तस्वीर साफ हो जाए.
हरीश रावत ने भी साधा बीजेपी पर निशाना: हरक सिंह रावत के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि ये बीजेपी के लिए बड़ा बम है, जिसका तोड़ बीजेपी के पास नहीं है. बीजेपी के लोग नैतिक आधार खो चुके हैं.
बीजेपी खो चुकी नैतिक आधार: हरीश रावत ने कहा कि हरक सिंह रावत के बयान के बाद अब साफ हो गया है कि बीजेपी ने सिर्फ पार्टी चलाने के लिए नहीं बल्कि अपना घर भरने के लिए भी जनता को लूटा है. बीजेपी के माफिया के साथ संबंध थे, जिसका खुलासा हरक सिंह रावत ने किया है.
बीजेपी का जवाब: वहीं, हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य के आरोपों पर बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी प्रवक्ता हनी पाठक का कहना है कि हरक सिंह रावत इस समय पूरी तरह से फ्रस्ट्रेटेड नजर आ रहे हैं, क्योंकि हरीश रावत ने उन्हें कांग्रेस से दरकिनार कर रखा है. जब हरक सिंह कांग्रेस में जा रहे थे, उस दौरान हरीश रावत की नाराजगी दिख गई थी.
बीजेपी का सवाल: हनी पाठक ने साथ ही कहा कि अगर हरक को इतना ही कॉन्फिडेंस है तो वो भ्रष्टाचार में लिफ्ट क्यों पाए गए? ऐसे में हरक को बीजेपी का खुली चुनौती है कि वो कोर्ट जाएं और इस आरोप को सिद्ध करके दिखाएं. हालांकि, पार्टी को चलाने के लिए फंड जमा किए जाते हैं, लेकिन हरक सिंह रावत से किसी ने ये नहीं कहा था कि इलीगल तरीके से लिया गया पैसा जमा करवाएं.
हरक सिंह रावत का 30 करोड़ वाला बयान: बता दें कि, हरक सिंह रावत ने हाल ही में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने बकायदा प्रेस कांफ्रेस कर कहा था कि बीजेपी ने पार्टी चलाने के लिए बैंक में तीन करोड़ की एफडी कराई है. उन्होंने भी हल्द्वानी और रामनगर के खनन कारोबियों से दस-दस लाख रुपए के चेक लेकर एक करोड़ जुटाए थे.
हरक सिंह रावत ने तो यहां तक कह दिया था कि एफडी में किन-किन लोगों ने कितनी धनराशि दी है, इसकी जांच यदि ईडी ने ईमानदारी के साथ की, तो पूरी बीजेपी सलाखों के पीछे होगी. हरक सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जब वो प्रदेश के वन मंत्री थे, उस दौरान उनसे हल्द्वानी और रामनगर जाकर 10-10 लाख रुपए के चेक लाने को कहा गया था. जितने भी खनन ठेकेदार थे, उनसे चेक लाने को कहा गया था. हरक ने कहा था कि वो इस मामले में खुद को भी दोषी मानते हैं
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