पूर्व सीएम तीरथ सिंह के बाद अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत मिले पीएम मोदी से
उत्तराखंड में भले ही मानसून के चलते प्रदेश का मौसम सुहाना हो रखा है चारों तरफ पहाड़ बादलों से घिरे पड़े है लेकिन उत्तराखंड के भाजपा नेताओं को दिल्ली का मौसम भा रहा है प्रदेश के तमाम मंत्री पूर्व मुख्य मंत्री दिल्ली लवर हो चुके है। बीते दिनों लगातार देश के प्रधान मंत्री से प्रदेश के भाजपा नेताओं की मुलाकातों से प्रदेश की सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है ।
दो दिन पहले प्रदेश के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत पीएम से भेंट करनें दिल्ली पहुंचे थे तो देखा देखी गुरुवार को पूर्व सीएम एवं वर्तमान हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी फटाफट समल़ौण लेकर देश के यशस्वी प्रधामंत्री मोदी से भेंट करने दिल्ली पहुंच गए भेंट में उन्होंने पीएम को पिरुल से बनी वस्तु भेंट की उधर दूसरी ओर, सीएम पुष्कर सिंह धामी भी ऊर्जा प्रोजेक्ट को लेकर जल संसाधन मंत्रालय की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंच गए।
पूर्व सीएम की भेंट पीएम से 11 बजे हुई इस दौरान पीएम ने पूर्व सीएम से उत्तराखंड में बढ़ती आपदाओं और खोई हुई विकास योजनाओं को लेकर विचार विमर्श किया। सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला की पीएम ने पूर्व सीएम से केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भी चर्चा की।
इन दिनों, उत्तराखण्ड के प्रमुख नेताओं का पीएम मोदी समेत अन्य प्रमुख नेताओं से मिलने का सिलसिला जारी है। जुलाई के अन्तिम सप्ताह में कैबिनट मंत्री धन सिंह रावत की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भाजपा की राजनीति में कई चर्चाओं ने जन्म ले लिया था।
मौजूदा समय में उत्तराखण्ड में आपदा का साया मंडरा रहा है। प्रदेश में निकाय व केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भी सरगर्मी जारी है। बदरीनाथ हारने के बाद (थोपे प्रत्याशी प्रमुख कारण) पार्टी नेतृत्व केदारनाथ में भाजपा मूल के उम्मीदवार को उतारने के मूड में है। इसके लिए भी हाईकमान वरिष्ठ नेताओं से सलाह मशविरा कर रहा है।
चूंकि, कुछ दिन पूर्व तीरथ सिंह रावत ने देहरादून में थोपे व बाहरी प्रत्याशियों को लेकर जमकर भड़ास निकाली थी। और पार्टी नेतृत्व को सम्भावित खतरे से आगाह कराया था। तीरथ सिंह रावत का खुला इशारा करतार सिंह भड़ाना व कांग्रेस से आये राजेन्द्र भण्डारी की ओर था।
तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक दो टूक के बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश के नेताओं से सरकार व विपक्ष के गुण दोषों समेत विभिन्न मुद्दों पर राय ले रहा है। नेताओं की राय के बाद एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। मौजूदा समय में प्रदेश सरकार के सामने विकट आपदा के अलावा कैबिनेट फेरबदल, निकाय – केदारनाथ उपचुनाव व गैरसैंण विधानसभा सत्र की चुनौतियां खड़ी है।
इसी सिलसिले में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की पीएम मोदी से मुलाकात को राजनीतिक गलियारे में अहम माना जा रहा है।उधर, सीएम धामी भी गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए। बरसात में हो रही मुलाकातों की फुहार ने सत्ता के गलियारों को भी अपने आगोश में ले लिया है।