निकाय चुनाव से पहले हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार, कुछ की हो सकती है एंट्री तो कुछ हो सकते है बाहर।
उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव से पहले-पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। बीजेपी प्रदेश प्रभारी, सीएम धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं तेज हो गई हैं। कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच कुछ विधायकों के नाम भी चर्चा में हैं। माना जा रहा है कि इन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
लंबे समय से कैबिनेट की ख़ाली पड़ी चार सीटों पर नज़र गढ़ाए बैठे विधायकों की उम्मीद जल्द पूरी हो सकती है। तो वहीं जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों पर फिट न बैठने वाले कई विधायकों को झटका भी लग सकता है। वर्तमान में कैबिनेट में पांच मंत्री गढ़वाल से हैं तो मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्री कुमाऊं से हैं। इनमें से मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्री ठाकुर, तीन मंत्री ब्राह्मण, एक एससी जो महिला कोटा भी पूरा कर रही हैं तो एक मंत्री अग्रवाल समाज से हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में जातिगत समीकरण में ओबीसी का पलड़ा भारी हो सकता है। क्षेत्र के हिसाब से कुमाऊं को वेटेज मिल सकता है। 11 विधानसभा सीट वाले हरिद्वार ज़िले को अभी तक कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। नैनीताल, पिथौरागढ़ ,उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग ज़िले को भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
यह नाम है रेस में शामिल।
मंत्री पद के दावेदार के नामों की चर्चा करें तो सबसे पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत और अरविंद पांडे का नाम भी दावेदारों की सूची में है। क्योंकि तीन कैबिनेट मंत्री धामी सरकार एक से धामी सरकार दो में ड्राप किए गए थे। जिनमें बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत और अरविंद पांडेय शामिल हैं। वहीं मदन कौशिक 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी कैबिनेट में जगह नहीं बना पाए।
इन युवा चेहरों को मिल सकती है जगह
युवा चेहरों की बात करें तो टिहरी ज़िले से विनोद कंडारी, हरिद्वार से आदेश चौहान, नैनीताल से राम सिंह कैड़ा, रूद्रपुर से शिव अरोड़ा, देहरादून से विनोद चमोली, कर्णप्रयाग से अनिल नौटियाल की भी दावेदारी आंकी जा रही है।
एससी कोटे की करें तो चंदन राम दास के निधन से सीट खाली भी समझी जा सकती है। लेकिन रेखा आर्य इसे महिला और एससी कोटे से भरती हुई नजर आ रही हैं। लेकिन अगर पार्टी ने एससी कोटे से चंदन राम दास की जगह सीट भरने पर मंथन किया तो फिर कई नामों पर मंथन हो सकता है। जिनमें खजान दास, फकीर राम टम्टा, भोपाल राम टम्टा, सरिता आर्य के साथ कुछ और विधायकों के नाम पर भी चर्चा हो सकती है।