उत्तराखंड में 142 शिक्षक मिले बीमार, रिटायरमेंट की कार्रवाई शुरू

देहरादून : प्रदेश से इस वक्त गजब का मामला सामने आया है। आपको बता दें प्रदेश में लगभग 143 शिक्षक बीमार मिले है जिसमें सबसे अधिक देहरादून में है. बीमार शिक्षकों में 143 में से 100 शिक्षक तो देहरादून के ही है महानिदेशक झरना कमठान के ने बताया कि, शारीरिक और मानसिक अस्वस्थ इन शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की दिए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

आपको बता दें  गढ़वाल मंडल के शिक्षकों की तीन अक्तूबर को स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।  जब भी  विभाग से तबादलों और संबद्धता से संबंधित कोई भी आदेश आता है तो कई शिक्षक बीमार हो जाते हैं, जिससे इनके मूल विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।

बीमार शिक्षकों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने के पहले भी कई बार आदेश हो चुके हैं। शिक्षा मंत्री और शासन के आदेश के बाद भी जिलों से विभाग को इस तरह के शिक्षकों की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही थी।

उत्तराखंड  में 142 शिक्षक और एक कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ मिले हैं। इसमें प्राथमिक के 84, सहायक अध्यापक एलटी के 44, प्रवक्ता 11, एक लिपिक और तीन प्रधानाचार्य शामिल है।

जिले बार देखें तो बागेश्वर में 3, अल्मोड़ा में 2, नैनीताल में 4, चमोली में 8, रुद्रप्रयाग में 3, ऊधमसिंह नगर में 1, पिथौरागढ़-शून्य, चंपावत में 2, पौड़ी में 2, देहरादून में सबसे अधिक 100, उत्तरकाशी में 2, हरिद्वार में 13, टिहरी में 3 शिक्षक बीमार मिले है

शिक्षा विभाग में बीमार शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के समय-समय पर आदेश जारी होते रहे हैं। वर्ष 2002 में भी इसका आदेश हुआ, लेकिन अब तक शिक्षा महानिदेशालय को इस तरह के शिक्षकों की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही थी। अब नवनियुक्त शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान की ओर से 26 सितंबर को सभी जिलों से तीन दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की गई, जिस पर हर जिले से विभाग को शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों की रिपोर्ट मिली है।

शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने बताया कि शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए शासनादेश के अनुसार कार्रवाई होगी। गढ़वाल मंडल में इसके लिए स्क्रीनिंग की तिथि भी तय हो चुकी है।

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