उत्तराखंड जल संस्थान देवप्रयाग के संविदा श्रमिक हो रहे ठेकेदारी प्रथा का शिकार,श्रमिकों में आक्रोश

 टिहरी

सुभाष नौटियाल संवादाता टिहरी : बीते कुछ महीनों पहले उत्तराखंड जल संस्थान के परिसर में संस्थान के ही श्रमिकों द्वारा ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसमें उनकी यह मांग थी कि उनके संघ को ठेकेदारों से मुक्त किया जाए जिसके साथ ही उनके यह आरोप थे कि ठेकेदार नियमित रूप से श्रमिकों की तनख्वाह नहीं दे रहे थे तथा ईपीएफ भी नहीं दे रहे थे एवं मनमाने तरीके से श्रमिकों को वेतन दे रहे थे जो कि नियम के विरोध। था। मामला संज्ञान में आने के बाद उत्तराखंड जल संस्थान ने कुछ ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट भी किया था। लेकिन उसके बाद ठेकेदारों के हौसले बुलंद है। ताजा मामला उत्तराखंड जलसंथान  देवप्रयाग संविदा श्रमिकों से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें बीती 28/01/2025 को अधिशाशी अभियंता की अध्यक्षता में उत्तराखंड जल संस्थान शाखा देवप्रयाग एवं प्रतिनिधि पर्वतीय मंडल ठेकदार संघ के बीच बैठक आयोजित की गई जिसमें  दोनों पक्षों में आपसी सहमति से समझौता किया गया। लेकिन  ठेकदार द्वारा समझौते के नियमों को दरकिनार किया था बार बार श्रमिकों को फोन कर परेशान किया जा रहा है तथा समझौते के बिंदुओं से श्रमिकों को भटकाया जा रहा है ।

एवं ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को योजना के तहत मिलने वाला वेतन भी पूरा नहीं डाला गया। एवं उनका ईपीएफ भी कम काटा गया। आपको बता दें 1 अप्रैल 2024 से बढ़ा हुआ वेतन संविदा श्रमिकों को नहीं मिला है। तथा अक्टूबर 2024 से श्रमिकों को वेतन नहीं मिला है

श्रमिकों ने दी चेतावनी 

इस ठेकेदारी प्रथा के चलते काफी संविदा मजदूर आक्रोश में है । जिसके बाद से आक्रोशित संविदा कर्मियों ने चेतवानी दी है कि यदि ठेकेदार द्वारा नियमित एवं योजना के अंतर्गत मिलने वाला वेतन पूरा पूरा नहीं दिया  तो वह आगे इसकी शिकायत कर के देंगे।

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