डॉर्मेट अकाउंट को एक्टिव करने का आसान तरीका, जानें कैसे करें एक्टिव

नई दिल्ली: आजकल के दौर में बैंक अकाउंट रखना बेहद जरूरी हो गया है. ऐसे में कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो एक से अधिक बैंक अकाउंट होते हैं. वहीं, कुछ लोग मजबूरी में एक से ज्यादा अकाउंट रखते हैं. खासकर प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारी, जो अपनी ग्रोथ के लिए समय-समय पर कंपनियां बदलते हैं.

 

दरअसल, जब कोई शख्स नई कंपनी ज्वाइन करता है तो वह कंपनी कर्मचारी का नया बैंक अकाउंट खुलवा देती है. ऐसे में कर्मचारी पुराने बैंक अकाउंट को इस्तेमाल करना बंद कर देता है और वह बंद हो जाता है. ऐसे अकाउंट को डॉर्मेंट कहते हैं.

वहीं, कभी-कभी इन डॉर्मेंट को एक्टिव करवाने की जरूरत पड़ जाती है. ऐसे में कर्मचारी को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, डॉर्मेंट को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके मुताबिक, बंद पड़े बैंक अकाउंट दोबारा चालू करना आसान हो गया है.

 

KYC अपडेट के लिए नए तरीके

RBI के नए नियमों के तहत, ग्राहक अब अपनी KYC जानकारी को किसी भी ब्रांच में जाकर अपडेट कर सकते हैं, चाहे वह उनकी होम ब्रांच हो या कोई दूसरा. इससे पहले ग्राहकों को सिर्फ अपनी होम ब्रांच में ही यह काम करना पड़ता था.

इसके अलावा, बैंकों को अब वीडियो-बेस्ड कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस (V-CIP) की सुविधा देनी होगी. इस प्रक्रिया में ग्राहक वीडियो कॉल के जरिए अपनी आइडेंटिटी वेरिफाई कर सकते हैं. यह उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं और जिनके लिए बैंक के ब्रांच तक पहुंचना मुश्किल होता है.

कब डीएक्टिवेट होता है अकाउंट?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक 12 महीने तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं होने पर बैंक अकाउंट इनएक्टिव कर दिया जाता है और 24 महीने तक कोई एक्टिविटी नहीं होने पर उसे डॉर्मेंट कर दिया जाता है.

 

बैंक अकाउंट बंद होने के बाद अकाउंट होल्डर डेबिट कार्ड, एटीएम और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं कर पाता. हालांकि, बचत पर ब्याज और रिफंड या डिविडेंड मिलता रहता है, लेकिन अकाउंट पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. लेकिन याद अगर लंबे समय तक अकाउंट निष्क्रिय रहता, तो बचे हुए पैसे डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) जैसे सेंट्रल फंड में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं.

रिमाइंडर भेजेत हैं बैंक

बैंक आमतौर पर 12 महीने अकाउंट के डीएक्टिवेट होने के बाद ग्राहकों को एक रिमाइंडर भेजते हैं, जिसमें उन्हें आगाह किया जाता है कि उनका अकाउंट जल्द ही इनएक्टिव किया जा सकता है. ऐसे में कई बैंकिंग सेवाएं तब तक उपलब्ध नहीं होतीं जब तक ग्राहक की ओर से अकाउंट को फिर से एक्टिव नहीं किया जाता है.

 

डॉर्मेट अकाउंट को कैसे करें एक्टिव

ब्रांच जाकर आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ के साथ लिखित रिक्वेस्ट दे सकते हैं. कुछ बैंक ऐसे हैं, जो नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग की मदद से यह सुविधा देते हैं. एक बार अकाउंट एक्टिव हो गया तो आप बैंक अकाउंट की सभी सर्विसेज को फिर से इस्तेमाल कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!