देहरादून: उत्तराखंड में दाखिल होने वाले अन्य राज्यों के वाहनों से इसी महीने से ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिसके चलते प्रदेश में पॉल्यूशन का स्तर भी बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार ने ये निर्णय लिया था कि अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से भी ग्रीन से वसूला जाएगा. जिसकी प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है. संभावना जताई जा रही थी कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने के दौरान ही ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ऐसे में अब परिवहन विभाग जून महीने के आखिरी सप्ताह में ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.
उत्तराखंड में अन्य राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहनों से पहले से ही ग्रीन सेस लिया जा रहा है. साल 2021 में चेकपोस्ट बंद होने के बाद अन्य राज्यों से उत्तराखंड में आने वाले निजी वाहनों से ग्रीन सेस वसूलना संभव नहीं हो पा रहा था. जिसके चलते प्रदेश की सभी सीमाओं पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरा लगाया गया. साथ ही ऑटोमेटेड व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम (एवीजीसीसीएस) के लिए परिवहन विभाग ने सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया है. ऐसे में एवीजीसीसीएस के साथ इंटीग्रेशन का काम चल रहा है. जिसका काम पूरा होने के बाद ग्रीन सेस वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
उत्तराखंड में दाखिल होने वाले अन्य राज्यों के वाहनों की नंबर प्लेट को एवीजीसीसीएस रीड करेगा. साथ ही वाहन की जानकारी के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को रिक्वेस्ट भेज देगा. इस रिक्वेस्ट के बाद एनपीसीआई, संबंधित वाहन का फास्ट टैग वॉलेट चिह्नित कर उसके खाते से तय ग्रीन सेस की धनराशि को काट लेगा. ये पूरी प्रक्रिया कुछ सेकेंड के अंदर ही पूरी हो जाएगी. 16 मई 2025 को हुई धामी मंत्रिमंडल में वाहनों से वसूलने वाले ग्रीन सेस की दरों को 30 फ़ीसदी तक बढ़ा दिया गया है.
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