14 नवनियुक्त शिक्षकों ने दिया पद से इस्तीफा, जानिए क्या है वजह
देहरादून : राज्य में बेरोजगारी का आलम ये है कि 5वीं पास भर्ती के लिए भी बीटेक एमटेक के अभ्यर्थी अप्लाई कर रहे है। आए दिन युवा नोकरियों की मांग को लेकर सड़कों पर रहते है।ऐसे में जिन्हें नोकरी मिल रही है उन्हें यह नोकरी पच नहीं रही है।हाल ही में सहायक शिक्षक के लिए 2096 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है जिनमे से आधे शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई है। अब कहानी में मोड इस प्रकार आया है की जिन शिक्षकों ने जिन जिलों से आवेदन किया था नियुक्त होने के बाद अब वे उन जिलों में नोकरी करने को तैयार नहीं है। अब वे पहाड़ी जिलों को छोड़ मैदानी जिलों में नोकरी करना चाहते हैं इसलिए। नवनियुक्त शिक्षक पहाड़ी जिलों से नोकरी छोड़ रहे है।
इस मानसिकता को देख कर यही महसूस होता है की, क्या इसी लिए अलग पहाड़ी राज्य की मांग की गई थी, आंदोलनकारी,क्रांतिकारी,युवाशक्ति, नारीशक्ति, सब आंदोलन को आग में कूद गए थे एक अलग राज्य की मांग को लेकर। क्या उनका बलिदान संघर्ष सब व्यर्थ चला गया। क्योंकि जिनके लिए उन्होंने बलिदान दिए वे लोग तो पहाड़ों में रहना ही नहीं चाहते।
जितने भी नवनियुक्त शिक्षक है वे पहाड़ी जिलों को छोड़ हरिद्वार,देहरादून जैसे सुविधाजनक जिलों में नोकरी करना चाहते है।
पहाड़ी जिलों एस शिक्षकों के इस्तीफे देने के करण विभाग में इन जिलों में शिक्षकों के पदों को भरने की चुनौती बनी है। अपर शिक्षा निदेशक आरएल आर्य के मुताबिक, शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद नौकरी छोड़ने वाले शिक्षकों के बारे में सभी जिलों से सूचना मांगी है। सुविधाजनक जिलों में आने के लिए ये शिक्षक दूरस्थ पर्वतीय जिलों से नौकरी छोड़ रहे हैं।
शिक्षा निदेशालय से सूचना मांगने के बाद अब तक तीन जिलों ने शिक्षा निदेशालय को जो जानकारी भेजी है, उसके मुताबिक रुद्रप्रयाग जिले में छह और पौड़ी जिले के आठ नवनियुक्त शिक्षक नौकरी छोड़ चुके हैं। हालांकि, उत्तरकाशी जिले में इस तरह के शिक्षकों की संख्या शून्य है, जबकि अन्य जिलों से अभी इसकी सूचना आनी है।
शिक्षक भर्ती के कुछ शिक्षक पदभार ग्रहण करने के बाद पद से इस्तीफा दे रहे हैं। सुविधाजनक जिलों में आने के लिए वे यह सब कर रहे हैं। -आरएल आर्य, अपर शिक्षा निदेशक,
शिक्षा निदेशालयप्रदेश में होने वाली शिक्षक भर्ती में दिव्यांगजनों के लिए 260 पद आरक्षित हैं, लेकिन जिसमें से 230 पद खाली रह गए हैं।
राज्य में बेरोजगारों की संख्या इस साल 88 हजार के पार पहुंच चुकी है। सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या वर्ष 2019 में 8,03,887, 2020 में 7,78,077, 2021 में 8,07,722, 2022 में 8,79,061, 2023 में 8,82,508 थी, जो 2024 में बढ़कर 8,83,346 हो चुकी है।