प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक की गई. नीति आयोग की बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया. बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि राज्य में तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते शहरों में ड्रेनेज की समस्या एक बड़ी चुनौती बन गई है. जिस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए विशेष योजना बनाए जाने का अनुरोध किया।
सीएम ने पीएम कृषि सिंचाई योजना की गाइडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने का भी अनुरोध किया. सीएम ने कहा उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के चलते वर्तमान में पर्वतीय क्षेत्र का मात्र 10 फीसदी भूभाग ही सिंचित हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमनद आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की दिशा में नदी जोड़ो परियोजना के साथ ही चेक डैम्स और लघु जलाशयों के निर्माण के जरिए वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
सीएम ने बैठक के दौरान कहा साल 2026 में उत्तराखंड में पर्वतीय महाकुंभ के रूप में प्रसिद्ध मां नन्दा राजजात यात्रा और साल 2027 में हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होना है. इन दोनों आयोजनों को भव्य और दिव्य बनाने के लिए सहयोग मांगा. सीएम ने कहा विकसित भारत के निर्माण में डेमोग्राफिक डिविडेंड की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. जिसका लाभ प्राप्त करने के लिए एक निश्चित समय सीमा में इसका दोहन करना जरूरी है. इस लिहाज से आने वाला दस साल उत्तराखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन्हीं सालों में ही डेमोग्राफिक डिविडेंड का सबसे अधिक लाभ उठा सकते हैं. जिसको देखते हुए राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए तमाम स्तरों पर काम किया जा रहा हैं।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की जीडीपी में प्राथमिक सेक्टर का योगदान जहां मात्र 9.3 फीसदी है, तो वहीं, इस कार्य में करीब 45 फीसदी आबादी लगी है. इस समस्या को देखते हुए प्रदेश के काश्तकारों को लो वैल्यू एग्रीकल्चर की जगह हाई वैल्यू एग्रीकल्चर अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए तमाम परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है. जिनमें एप्पल मिशन, कीवी मिशन, ड्रैगन फ्रूट मिशन, मिलेट मिशन और सगंध कृषि को प्रोत्साहन करना शामिल है।
बैठक के दौरान सीएम ने कहा उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रधानमंत्री के नेट जीरो के विजन को ध्यान में रखते हुए ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया था. इन खेलों में इलैक्ट्रॉनिक्स वेस्ट सामग्री की रीसाइक्लिंग से 4000 पदक तैयार किए. सौर ऊर्जा के जरिए पूरी ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया गया. इस आयोजन में करीब 4 से 5 हज़ार टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने में सफलता मिली. उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा के सफल परिणाम सामने आये हैं. प्रधानमंत्री के हर्षिल और मुखबा की यात्रा से राज्य के पर्यटन क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है.
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