देहरादून: देश के नामी होटल के प्रबंध निदेशक (एमडी) बनकर होटल के ही वित्त एवं लेखा विभाग के जीएम से 3.20 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले शातिर को पुलिस ने दबोच लिया है. शातिर को एसटीएफ की टीम ने हरियाणा के गुरुग्राम के डीएलएफ से गिरफ्तार किया है. आरोपी लोगों को झांसे में लेने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करता था.
इसके अलावा ठगी के लिए इस्तेमाल बैंक खाते में कुछ महीनों में करोड़ों रुपए का लेन-देन होना पाया गया है. एसटीएफ की टीम ने इस मुकदमे से जुड़े मामले में एक आरोपी को पहले ही पश्चिम बंगाल से गिरफ्तारी कर चुकी है.
होटल के महाप्रबंधक ने दर्ज कराई थी शिकायत: दरअसल, टिहरी निवासी नामी होटल के महाप्रबंधक (वित्त और लेखा) तेजपाल रावत ने देहरादून साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि बीती 4 मई को उनके पास एक नए नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया था.
इसमें उसने अपना एमडी वाला नाम बताया और कहा कि यह उनका नया नंबर है. फोटो (डीपी) भी एमडी की ही लगी हुई थी. अगले दिन उसी नंबर से होटल के बैंक खाते की स्थिति मांगी गई. इसके बाद एक नई कंपनी के साथ प्रोजेक्ट शुरू करने के नाम पर 1.95 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया.
शातिर ठग ने खुद को एमडी बताते हुए दावा किया कि वो मीटिंग में है. यह भुगतान एक स्थानीय प्रोजेक्ट के लिए है. इसके बाद ठग ने एक ट्रेडिंग कंपनी के नाम से इंडसइंड बैंक कोलकाता के खाते में 1.95 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए.
इसके बाद बाद 3 करोड़ रुपए अनुबंध सिक्योरिटी के लिए जमा करने को कहा. इस पर तेजपाल रावत ने कहा कि होटल के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं है. अभी सिर्फ 1.25 करोड़ रुपए का ही भुगतान संभव है. इसके बाद उन्होंने उसी खाते में 1.25 करोड़ रुपए डलवा दिए, लेकिन साइबर ठग रुके नहीं.
ठग ने 1 करोड़ 95 लाख की धनराशि एक ट्रेडिंग कंपनी के खाते में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया. जिसके बाद पीड़ित को धोखाधड़ी का संदेह हुआ. तेजपाल रावत की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
वहीं, देहरादून साइबर पुलिस ने बैंक खाते और मोबाइल नंबर खंगाले. जिसमें मुख्य आरोपी निवासी नाथुपुर, गुरुग्राम (हरियाणा) की पहचान की गई. आरोपी शातिर ने फर्जी पहचान और बैंक डिटेल्स का इस्तेमाल कर 3 करोड़ 20 लाख रुपए धोखाधड़ी से ट्रांसफर करवाए थे.
अब आरोपी को गुरुग्राम से ही गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी के पास से ठगी में इस्तेमाल 9 चेक बुक, 5 पास बुक, 2 पैन कार्ड, 2 एटीएम कार्ड, 1 कैश मेमो, 3 स्वैप मशीन, 1 क्यू आर कोड मशीन, 1 फिंगर प्रिंट स्कैनर, 1 आधार कार्ड कॉपी, लैपटॉप, फोन आदि बरामद किया गया है.
“आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिन बैंक खातों का इस्तेमाल किया, उसमें कुछ महीनों में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया है.”
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