22 सितंबर से 3 से 4 रुपये दूध की कीमतों मे मिलेगी राहत?

नई दिल्ली: हाल ही में केंद्रीय GST काउंसिल की बैठक के बाद यह खबर तेजी से फैली कि घरेलू दूध पर लगने वाला 5% जीएसटी हटाया गया है और अब अमूल तथा मदर डेयरी जैसे ब्रांडेड दूध की कीमतें 3 से 4 रुपये प्रति लीटर तक कम हो जाएंगी. आम आदमी को राहत की उम्मीद बंधी, लेकिन हकीकत कुछ और निकली.

 

गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF), जो अमूल ब्रांड का संचालन करता है, के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने इस तरह की खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ताजा पाउच दूध पर कभी भी जीएसटी लागू नहीं हुआ था, इसलिए उसमें किसी तरह की कमी या बदलाव संभव ही नहीं है. पाउच दूध हमेशा से शून्य प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रहा है और भविष्य में भी उसी रूप में रहेगा.

दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि “जीएसटी 2.0 ढांचे” के तहत पाउच दूध की कीमतों में कमी आएगी. इससे उपभोक्ताओं के बीच भ्रम फैल गया कि रोजाना इस्तेमाल होने वाला पाउच दूध सस्ता होगा. लेकिन अमूल प्रबंधन ने साफ कर दिया कि यह जानकारी गलत और भ्रामक है.

 

राहत कहां मिलेगी?

जयेन मेहता ने बताया कि सरकार द्वारा हाल ही में किया गया बदलाव केवल यूएचटी दूध (Ultra High Temperature Milk) पर लागू होगा. अब तक यूएचटी दूध पर 5% जीएसटी लगता था, जिसे 22 सितंबर 2025 से पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा. इसका सीधा असर यह होगा कि लंबे समय तक सुरक्षित रहने वाला टेट्रा पैक या एसेप्टिक पैकेजिंग वाला दूध सस्ता हो जाएगा.

यूएचटी दूध को 135 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर कुछ सेकंड तक गर्म करके तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया में दूध पूरी तरह जीवाणुरहित हो जाता है और बिना फ्रिज में रखे कई महीनों तक सुरक्षित रहता है. इस तकनीक से तैयार दूध आमतौर पर शहरी उपभोक्ताओं, होटलों और ट्रैवलिंग लोगों के बीच लोकप्रिय है.

सरकार का तर्क है कि महंगाई के दौर में यह कदम दूध को और किफायती बनाएगा और साथ ही किसानों व डेयरी उद्योग को भी फायदा देगा. यूएचटी दूध की कीमतें घटने से खासतौर पर उन परिवारों को राहत मिलेगी जो लंबे समय तक दूध स्टोर करके इस्तेमाल करना चाहते हैं.

 

हालांकि, रोजाना घरों में इस्तेमाल होने वाला पाउच दूध पहले से ही टैक्स-फ्री था और उसकी कीमतों में किसी तरह की कमी की संभावना नहीं है. इसलिए जो लोग यह सोच रहे थे कि उनकी रोजमर्रा की दूध की बोतल या पाउच सस्ते होंगे, उनके लिए यह खबर निराशाजनक है.

 

22 सितंबर से लागू होने वाले नए नियम का सीधा असर केवल यूएचटी दूध पर होगा. पाउच दूध पर जीएसटी न पहले था, न अब है. इसलिए उपभोक्ताओं को यह समझना जरूरी है कि राहत सीमित दायरे में ही मिलेगी.

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