चपरासी को प्रिंसिपल के पद से हटाया, जानिए पूरा मामला

पिथौरागढ़: अक्सर चर्चाओं में रहने वाला उत्तराखंड का शिक्षा विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में है. शिक्षा विभाग ने इस बार ऐसा काम हुआ, जिससे हर कोई हैरान है. पिथौरागढ़ के मुनस्यारी क्षेत्र में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को स्कूल के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी मिली है. हालांकि बाद में ये जिम्मेदारी वापस भी ले ली गई.

दरअसल, बीते करीब एक महीने से शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. इस दौरान शिक्षकों ने अन्य प्रशासनिक कार्यों का भी बहिष्कार कर रखा है. इसी वजह से जीआईसी खतेड़ा के प्रभारी प्रिसिपल ने भी अपने पद से त्याग दे दिया और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (चपरासी) को स्कूल को सर्वेसर्वा बना दिया. इसीलिए जीआईसी खतेड़ा में सरकारी जिम्मेदारियां निभाने से लेकर फैसले लेने तक का दायित्व चपरासी के कंधों पर आ गया था.

बता दें कि जीआईसी खतेड़ा में एक एलटी प्रवक्ता, एक स्थाई शिक्षक समेत 5 अतिथि शिक्षक और एक चपरासी की नियुक्ति है. स्कूल में कोई भी स्थायी प्रधानाचार्य नहीं है. इसीलिए स्कूल का प्रभार यानी प्रभारी प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी प्रवक्ता छोटे सिंह के पास थी.

प्रवक्ता छोटे सिंह एक तरह से जीआईसी खतेड़ा के प्रभारी प्रधानाचार्य थे. हालांकि शिक्षक संघ की हड़ताल के चलते प्रवक्ता छोटे सिंह ने भी प्रधानाचार्य के पद का त्याग कर दिया. नियमानुसार कोई स्थायी कर्मचारी ही प्रभारी प्रधानाचार्य बन सकता है. इसीलिए प्रवक्ता छोटे सिंह के बाद ये जिम्मेदारी एक अन्य स्थायी शिक्षक पर आती है, लेकिन उन्होंने भी प्रभारी प्रधानाचार्य बनने से इंकार कर दिया. बाकी के शिक्षकों को ये जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती थी, क्योंकि वो अस्थायी है. अब स्कूल में एक ही स्थायी कर्मचारी राजू गिरी बचे.

 

राजू गिरी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, उनका काम स्कूल में घटी बचाने का है. हालांकि ऐसे में स्कूल प्रभारी छोटे लाल ने चपरासी राजू गिरी को प्रभार सौंप दिया. इसके लिए तत्कालीन स्कूल प्रभारी छोटे लाल ने लेटर भी लिखा. इसके बाद चपरासी राजू गिरी को स्कूल की घंटी बजाने के साथ ही प्रिंसिपल के फैसले लेने की जिम्मेदारी मिली. वहीं मामला मीडिया में सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी हुई. इसीलिए अब स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी मुनस्यारी के पास है.

खंड शिक्षा अधिकारी मुनस्यारी दिगंबर आर्या ने बताया कि जीआईसी खतेड़ा के प्रधानाचार्य का कार्यभार वर्तमान में उनके पास है. वहीं यहां सभी कुछ देख रहा हैं. यहां पर शिक्षण व्यवस्था सभी ठीक चल रही है. किसी भी प्रकार कोई परेशानी नहीं है.

 

गौरबतल हो कि पूरे प्रदेश में लगभग 2000 हजार स्कूलों में स्थाई प्रधानाचार्य नहीं है. पिथौरागढ़ जिले में 87 हाईस्कूलों में 1 स्थायी और 128 इंटर कालेजों में 4 स्थायी प्रधानाचार्य तैनात हैं. आज तक प्रभारी प्रधानाचार्य का कार्यभार देख रहे शिक्षकों ने पदोन्नति सहित तीन अन्य मांगों को लेकर प्रभारी प्रधानाचार्य का कार्यभार भी छोड़ दिया है.

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