राशन की दुकान मिलावट का खेल, नमक में निकले पत्थर, बवाल पर जांच के आदेश जारी

रामनगर: उत्तराखंड के रामनगर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है, यहां सरकारी राशन की दुकानों से वितरित किए जा रहे नमक की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे हैं. उपभोक्ताओं का आरोप है कि नमक में गंदगी के साथ-साथ छोटे-छोटे पत्थर भी मिल रहे हैं, जिससे ना सिर्फ भोजन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडराने लगा है.

सरकार द्वारा आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से सरकारी राशन की दुकानों पर अब नमक का भी वितरण किया जा रहा है, लेकिन रामनगर क्षेत्र के कई उपभोक्ताओं ने इस नमक की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए हैं. स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि उन्हें जो नमक वितरित किया गया है, उसमें ना केवल कमियां मिली हैं, बल्कि नमक के साथ छोटे-बड़े पत्थर भी पैकेट में मौजूद हैं. इससे ना केवल उनका भोजन बेस्वाद हो गया है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी खतरा बढ़ गया।

इस गंभीर मामले की शिकायतें सामने आने के बाद जिला पूर्ति अधिकारी मनोज कुमार बर्मन रामनगर पहुंचे, उन्होंने नमक की गुणवत्ता को लेकर मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया और तत्काल जांच के आदेश जारी किए. जांच की जिम्मेदारी रामनगर के पूर्ति निरीक्षक दीपचंद्र बेलवाल को सौंपी गई है. वहीं राशन डीलर मुकेश छिम्वाल ने कहा कि हमें खुद भी जानकारी नहीं थी कि नमक की गुणवत्ता इतनी खराब होगी. जैसे ही उपभोक्ताओं की शिकायतें मिली, हमने तुरंत प्रशासन को अवगत कराया. हमारी मांग है कि इस पर सख्त कार्रवाई हो, दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

वहीं दूसरी ओर, राशन डीलरों और प्रशासन के बीच ई-पॉश मशीन को लेकर विवाद भी लगातार गहराता जा रहा है. राशन डीलरों ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए मशीनों को न लेने का ऐलान कर दिया था.उनका कहना था कि जब तक उनकी लंबित भुगतान और मानदेय की समस्या का समाधान नहीं किया जाता, तब तक वे मशीनें नहीं लेंगे. इस मसले पर डीलरों ने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी भी दी थी. हालांकि, शुक्रवार को आईएफसी के गोदाम में डीलरों को ई-पॉश मशीनें वितरित की गईं. प्रशासन की ओर से उन्हें यह आश्वासन दिया गया कि इन मशीनों का उपयोग सितंबर माह से ही प्रारंभ होगा. वहीं मामले में जिला पूर्ति अधिकारी मनोज कुमार बर्मन ने कहा कि रामनगर के अधिकतर डीलरों को ई-पॉश मशीनें वितरित की जा चुकी हैं. डीलरों का लंबित भुगतान शासन स्तर पर विचाराधीन है और आगामी 10 से 15 दिनों के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा।

 

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