विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी के बीच मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे गिरकर 88.73 के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, मंगलवार को रुपया 88.41 पर खुला, बाद में और गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.82 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया और अंत में 88.73 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो सोमवार के भाव से 45 पैसे की गिरावट दर्शाता है. सोमवार को रुपया 12 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.28 पर बंद हुआ.
एच-1बी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि से भारतीय आईटी सेवा निर्यात को बड़ा झटका लगने की आशंका है.
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि बाजार सहभागियों द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क के संभावित नतीजों का विश्लेषण करने के कारण रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. इससे धन प्रेषण वृद्धि में मंदी आ सकती है और अमेरिका को सेवा निर्यात में कमी आ सकती है. उन्होंने कहा कि घरेलू बाजारों में जोखिम से बचने की धारणा भी रुपया पर दबाव डाल सकती है.
मिराए एसेट शेयरखान के मुद्रा एवं जिंस के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, “हमारा अनुमान है कि रुपया कमजोर बना रहेगा क्योंकि अमेरिकी वीजा शुल्क वृद्धि का मुद्दा घरेलू बाजार की धारणा को कमजोर कर सकता है. इसके कारण विदेशी पूंजी की निकासी हो सकती है. हालांकि, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में समग्र कमजोरी घरेलू मुद्रा को समर्थन दे सकती है.”
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.28 पर आ गया.
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 57.87 अंक की गिरावट के साथ 82,102.10 अंक पर जबकि निफ्टी 32.85 अंक फिसलकर 25,169.50 अंक पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,910.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारतीय वस्तुओं पर बढ़े हुए अमेरिकी शुल्क जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया.













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