पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ों में एक तरफ बारिश ने कहर बरपाया हुआ है, तो दूसरी तरफ बदहाल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है. कई सरकारी स्कूलों की हालत जर्जर है, जो खतरे को दावत दे रहे हैं. इन्हीं खतरों को भांपते हुए शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों का चयन कर वहां के बच्चों को नजदीक के विद्यालयों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसमें राजकीय प्राथमिक विद्यालय बैंग्वाड़ी भी शामिल है. जहां के बच्चों को राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंग्वाड़ी शिफ्ट किया गया है.
दरअसल, पौड़ी जिला मुख्यालय के पास स्थित बैंग्वाड़ी गांव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय बैंग्वाड़ी पिछले 4 सालों से बदहाल स्थिति में है. स्कूल के भवन की हालत ऐसी है कि जिसे देखकर ही डर लगता है. भवन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हुई हैं तो अंदर से छत का प्लास्टर लगातार गिर रहा है. इतना ही नहीं कहीं-कहीं पानी भी टपक रहा है. भवन इस स्थिति में है कि कभी भी ढह भी सकता है. यानी इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाना खतरे खाली नहीं है.
पूर्व जिलाधिकारी आशीष चौहान के समय राप्रावि की मरम्मत को लेकर आदेश जारी हुए थे, लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ. नतीजा ये हुआ कि कभी यहां 40 बच्चे पढ़ते थे, लेकिन अब केवल 5 बच्चे ही स्कूल पहुंच रहे हैं. अभिभावक बच्चों को भेज तो रहे हैं, लेकिन उनके मन में डर साफ दिखाई देता है. हालात इतने गंभीर हैं कि बरसात के मौसम में भवन के गिरने का खतरा बना रहता है.
राप्रावि के भवन को ठीक करने के लिए लगातार विभाग से संवाद किया जा रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. अब राजकीय प्राथमिक विद्यालय बैंग्वाड़ी में अध्ययनरत 5 छात्रों को अब सुरक्षा की दृष्टि से पास के ही राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंग्वाड़ी में शिफ्ट किया गया है. ताकि, कोई अनहोनी न हो. फिलहाल, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंग्वाड़ी में यहां के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.मैं इस विद्यालय में साल 2010 से तैनात हूं. पहले 40 बच्चे पढ़ते थे, लेकिन विद्यालय के भवन की जर्जर स्थिति की वजह से अभिभावक बच्चे ले जा रहे हैं. अभी 5 बच्चे ही पंजीकृत हैं. लगातार विद्यालय भवन की मरम्मत के लिए पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन स्थिति आज भी वैसी ही है. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए पास के विद्यालय में शिफ्ट किया गया है. ताकि, कोई अनहोनी न हो. इस वक्त राजकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय बैंग्वाड़ी में ही इन बच्चों की पढ़ाई चल रही है.”- ज्योति मैठानी, अध्यापिका, राप्रावि बैंग्वाड़ी
वहीं, अब पौड़ी की नई जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के संज्ञान में मामला पहुंच गया है. उन्होंने भी पुराने निर्देशों को दोहराते हुए सभी जर्जर स्कूलों के सुधार की बात कही है.
स्कूली बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन विद्यालयों की स्थिति जर्जर बनी हुई है या जिनके सुधारीकरण के कार्य होने हैं, ऐसे विद्यालयों का चयन किया जाए. यदि इन विद्यालयों की स्थिति नाजुक बनी हुई है तो बच्चों को नजदीकी विद्यालयों में शिफ्ट कर पठन पाठन की प्रक्रिया की जाए. ताकि, भारी बारिश के चलते कोई अपने घटना ना हो. फिलहाल, जिले में 25 डेंजर स्कूल चिह्नित किए गए हैं.”- स्वाति एस भदौरिया, जिलाधिकारी, पौड़ी
पौड़ी जिले में जर्जर स्कूल की संख्या: पौड़ी जिले में प्राइमरी स्कूल भवनों की हालत सबसे खराब है. शिक्षा विभाग ने 107 स्कूलों को डी श्रेणी में रखा है, यानी इन भवनों को नया बनाना जरूरी है. इनमें 23 स्कूल अब भी जर्जर भवनों में चल रहे हैं. जबकि, कुछ पंचायत भवनों या अन्य स्कूलों में शिफ्ट किए गए हैं.
वहीं, शिक्षा विभाग ने 10 स्कूलों के निर्माण पूरे कर लिए हैं, बाकी पर काम जारी है. मुख्य शिक्षाधिकारी का कहना है कि डी श्रेणी के भवन निष्प्रयोज्य घोषित कर हटाए जा रहे हैं. नए भवन समग्र शिक्षा योजना और मंडी परिषद के तहत बनाए जाएंगे
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