अब उत्तराखंड के स्कूलों में इस दिन बिना बैग के जाएंगे बच्चे

 

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी सरकारी व निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को बड़ी राहत देते हुए एक अभिनव और सराहनीय पहल की शुरुआत की है। अब से हर महीने के अंतिम शनिवार को प्रदेश के सभी स्कूलों में ‘बस्ता मुक्त दिवस’ मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास को बढ़ावा देना है।

 

शिक्षा में बदलाव की ओर बड़ा कदम

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस योजना की घोषणा करते हुए बताया कि यह व्यवस्था इस माह के अंतिम शनिवार से ही लागू कर दी जाएगी। इसका सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा, क्योंकि इस दिन वे बिना किसी किताबों के बोझ के स्कूल आएंगे और पूरी तरह से व्यावसायिक, रचनात्मक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में भाग लेंगे।

सभी बोर्ड के स्कूल होंगे शामिल

चाहे वह उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई, संस्कृत शिक्षा परिषद या भारतीय शिक्षा परिषद से सम्बंधित स्कूल हों – सभी में यह नियम समान रूप से लागू होगा। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी दक्ष बनाना इस कदम का प्रमुख उद्देश्य है।

विदेशों जैसा खुशनुमा माहौल होगा स्कूलों में

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जैसे विदेशों में बच्चों को पढ़ाई के साथ एक आनंददायक माहौल दिया जाता है, उसी तरह उत्तराखंड में भी बच्चों के लिए ऐसा वातावरण तैयार किया जा रहा है। उन्होंने एससीईआरटी सभागार में आयोजित एक कार्यशाला में ‘बस्ता रहित दिवस’ की शुरुआत की और इस अवसर पर एक गतिविधि पुस्तिका का भी विमोचन किया।

विशिष्टजन भी रहे उपस्थित

इस अवसर पर शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक झरना कमठान, मिशन निदेशक एनएचएम स्वाति भदौरिया, डॉ. मुकुल सती, विभिन्न निजी स्कूलों के प्रबंधक और बोर्ड के अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

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