जागेश्वर धाम में अब साहसिक पर्यटन की दिशा में नई संभावनाएं खुलने लगी हैं। सरयू नदी के किनारे बसे देवलीबगड़ क्षेत्र को राफ्टिंग हब के रूप में विकसित करने की योजना पर पर्यटन विभाग ने काम शुरू कर दिया है। नवंबर में इस क्षेत्र में सर्वे टीम भेजी जाएगी।
धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में अब साहसिक पर्यटन की दिशा में नई संभावनाएं खुलने लगी हैं। सरयू नदी के किनारे बसे देवलीबगड़ क्षेत्र को राफ्टिंग हब के रूप में विकसित करने की योजना पर पर्यटन विभाग ने काम शुरू कर दिया है। नवंबर में इस क्षेत्र में सर्वे टीम भेजी जाएगी।
देवलीबगड़ जागेश्वर धाम से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। ग्राम प्रधान बसंत बल्लभ जोशी ने इस क्षेत्र में जटेश्वर मंदिर के आसपास राफ्टिंग केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है कि यहां से घाट तक राफ्टिंग कर पर्यटक न केवल रोमांचक अनुभव ले सकेंगे बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन मानचित्र पर एक नया आकर्षण बन सकता है। उन्होंने सरकार से इस योजना को जल्द लागू करने की मांग की है। धुराटांक के ग्राम प्रधान सुरेश चंद जोशी ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि राफ्टिंग केंद्र खुलने से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इससे पलायन पर भी रोक लग सकेगी।
जागेश्वर धाम में हर वर्ष बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। ऐसे में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देवलीबगड़ क्षेत्र में नवंबर माह में सर्वे कार्य कराया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।













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