दोस्त की हत्या के दोषी साबित होने पर हत्यारोपियों को आजीवन कारावास, जानें पूरा मामला

नई टिहरी: दोस्त की हत्या करने का आरोप सिद्ध होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपियों को दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया. अर्थदंड जमा नहीं करने पर अभियुक्तों को एक-एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

शीशमझाड़ी निवासी केदार सिंह बिष्ट ने 30 अक्तूबर 2018 को थाना मुनिकीरेती में दी तहरीर में बताया था कि उनका 19 वर्षीय बेटा सिद्धार्थ बिष्ट सुबह घर से स्कूटर लेकर गया था. इसके बाद वह घर नहीं लौटा. तहरीर मिलने पर पुलिस ने सिद्धार्थ की तलाश शुरू की. दो नवंबर 2018 को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. पुलिस ने सिद्धार्थ के दोस्त अतुल वाल्मीकि निवासी धोबी घाट चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश और आकाश मंडल निवासी शीशमझाड़ी मुनिकीरेती से पूछताछ की. जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने सिद्धार्थ का शव बरामद किया.

सिद्धार्थ का शव मुनिकीरेती में एक टापू पर गड्ढे में दबाया गया था. जिसके बाद पुलिस ने सिद्धार्थ हत्या मामले में दो आरोपियों को जेल भेज दिया. जिसके बाद जांच शुरू हुई. जांच में पता चला कि आकाश मृतक सिद्धार्थ की बहन से अभद्रता कर रहा था. सिद्धार्थ ने इसका विरोध किया. 30 अक्तूबर को दोनों ने सिद्धार्थ को लकड़घाट मुनिकीरेती बुलाकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने 18 जनवरी 2019 को आरोपपत्र कोर्ट में पेश किया. ट्रायल के दौरान अभियोजन की ओर से 12 गवाह और कई दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. इसे जघन्य अपराध बताते हुए अभियुक्तों को कठोर सजा देने की अपील की. 28 अक्तूबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित कुमार सिरोही की अदालत ने दोनों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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