उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रामनगर के भाजपा नेता मदन जोशी के खिलाफ दंगा भड़काने की सुनियोजित साजिश संबंधी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए अग्रिम जमानत और गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में हुई।
मामले की पृष्ठभूमि
23 अक्टूबर को रामनगर कोतवाली के छोई क्षेत्र में एक वाहन में कटा हुआ गौवंशीय मांस होने का आरोप लगाकर कुछ लोगों ने ड्राइवर नासिर की पिटाई कर दी थी। इस घटना के बाद नासिर की पत्नी नूरजहां ने उच्च न्यायालय में सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दायर की।
नूरजहां की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि स्थानीय भाजपा नेता मदन जोशी लगातार भड़काऊ फेसबुक पोस्ट और फेसबुक लाइव करके घटना को सही ठहरा रहे हैं और इससे धार्मिक माहौल बिगड़ रहा है।
हाईकोर्ट का सख्त निर्देश
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान रामनगर पुलिस को आदेश दिया कि—
मदन जोशी और उनके फॉलोअर सोशल मीडिया पर कोई भड़काऊ पोस्ट न करें।
जो भी भड़काऊ पोस्ट पहले से मौजूद हैं, जांच अधिकारी फेसबुक से तत्काल हटवाएं।
किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव में आए बिना, कानून के अनुसार और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक कार्रवाई करें।
पुलिस की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
पुलिस की ओर से न्यायालय को बताया गया कि—
छोई में वाहन के अंदर जो मांस ले जाया जा रहा था, वह भैंस का मांस था।
इसके लिए निर्धारित लाइसेंस और फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट बरेली के आपूर्तिकर्ता द्वारा जारी किए गए थे।
निष्कर्ष
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि दंगे जैसी घटनाओं में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले में पुलिस को कड़ी कार्रवाई और सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
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