21 साल बाद फिर उत्तरकाशी में मंडराया डर का साया, जानिए क्या है वजह।
उत्तरकाशी : जनपद उत्तरकाशी फिर 21 साल बाद डर का साया मंडराने लगा है, लोग दहशत में है थोड़ी सी भी आहट से बस कलेजा मुंह को आने को है।
2003 में उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत में बारिश की वजह से भारी भूस्खलन हुआ जिस कारण भयंकर आपदा आई थी और मलबे में लगभग 362 परिवार एक ही रात में मलबे में दब गए इस घटना ने वरुणावत घाटी का पूरा भूगोल बदल कर रख दिया था।
अब फिर 21 साल बाद बारिश के कारण देर रात वरुणावत पर्वत से अचानक मलबा और पत्थर गिरने से लोगों में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने रात में ही वरुणावत की तलहटी पर गौफियारा जल संस्थान के आसपास के क्षेत्रों को खाली करवाकर लोगों को आश्रमों में शिफ्ट किया। मलबे में कई वाहन दब गए।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने देर रात में ही आपदा प्रबंधन तंत्र को अलर्ट कर सभी अधिकारियों को नियंत्रण कक्ष में बुला लिया। जिलाधिकारी भी स्वयं आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंच गए। गए। आनन-फानन में गोफियारा क्षेत्र में एसडीआएफ और प्रशासन की टीम पहुंच गई और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। जिलाधिकारी स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी करते रहे उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ की स्थिति की समीक्षा कर किसी भी संभावित स्थिति से निपटने की रणनीति पर विचार विमर्श किया।
पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने देर रात्रि में मौके पर पंहुचकर लोगों को अलर्ट रहते हुए सुरक्षित स्थानों पर बने रहने की अपील की तथा स्थानीय लोगों को आश्रम/धर्मशालाओं में शिफ्ट कराया गया है। उत्तरकाशी से तेखला की ओर ट्रैफिक को जीरो जोन किया गया है, यातायात को मनेरा बाईपास की ओर से डायवर्ट किया गया है। पुलिस टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं।
अभी तक कहीं से किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। आज सुबह नगर क्षेत्र में गुफियारा नाले के निकट तथा अन्य जगहों पर सड़कों पर जमा मलबा हटाया जा रहा है।
SDRF टीम ने तेखला पुल के पास गदेरे में पानी अधिक आने के कारण फंसे 02 व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद, वरुणावर्त पर्वत के पास भारी वर्षा और भूस्खलन की सूचना मिली। SDRF टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए निम्न स्थानों पर रेस्क्यू कार्य किए:
1. मांडो गाँव: 02 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
2. नेताला: 02 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
3. गुफियारा: टीम ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थान पर भे