प्रशाशन ने रुकवाई नाबालिगों की शादी, मां बाप ने दी जान देने की धमकी

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के पहाड़ों में नाबालिगों की शादी करने में अभिभावक आज भी नहीं हिचकिचाते। आज भी कई और गांव में 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों का असमय अल्पायु में ही विवाह हो जाता है। पिछले कई समय से प्रशासन इस पर लगाम लगाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चल रहा है।

हाल ही में रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक में घंगासु-बांगर क्षेत्र के कई गांव में नाबालिग बेटियों की शादी की घटनाएं सामने आ रही थीं। प्रशासन ने घंगासु-बांगर क्षेत्र के कई गांव में गांव वालों और परिजनों को सख्त चेतावनी भी दी है साथ ही कई नाबालिगों की शादी भी रुकवाई गई है।

 

जिला शिक्षाधिकारी ने बताई उम्र

रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को हेल्पलाइन पर जखोली ब्लॉक के घंगासु-बांगर में कुछ गांव में नाबालिग के विवाह की सूचना मिली। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने जब शिक्षा अधिकारी से इन बालिकाओं के विद्यालय में उम्र की जानकारी ली तो पता चला कि तीनों नाबालिग हैं और उनकी उम्र महज 15 से 17 साल है। इन बच्चियों का विवाह परिजनों द्वारा करवाया जा रहा था। इसके बाद प्रशासन की टीम गांव में पहुंची और 2 फरवरी को होने वाली ये चार शादियां रूकवा दी गई।

 

अभिभावक ने दे दी जान देने की धमकी

प्रशासन द्वारा शादियां रुकवाने पर एक अभिभावक ने तो आत्महत्या करने तक की धमकी दे डाली। प्रशासन ने भी उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए नाबालिग बेटी का विवाह न करने के लिए सख्त निर्देश दे दिए। उत्तराखंड में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की जिला समन्वयक दीपिका कांडपाल के साथ बाल संरक्षण अधिकारी रोशनी रावत और सुपरवाइजर सुरेंद्र ने इस विवाह के साथ ही अन्य अभिभावकों को भी नाबालिगों का विवाह न करने के लिए काउंसलिंग की। विभाग ने यह भी व्यवस्था की है की हर हफ्ते प्रशासन की एक टीम ने गांव में जागरुकता अभियान चलाएगी।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!