उत्तराखंड जल संस्थान देवप्रयाग शाखा के संविदा कर्मचारियों का अधिकारी समेत ठेकेदार कर रहे शोषण

संवादाता सुभाष नौटियाल टिहरी : 

टिहरी : जैसा कि हमें आपको पिछली खबर में अवगत कराया था कि उत्तराखंड जल संस्थान शाखा देवप्रयाग में ठेकेदारों द्वारा संविदा कर्मियों का शोषण किया जा रहा हैं। यहां ठेकदार विभागीय अधिकारियों की शय में मनमानी कर रहे है। संविदा श्रमिक मानकों का लगातार उल्लंघन कर रहे है। बीती 28 जनवरी को अधिशासी अभियंता नरेश पाल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया था।

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जिसमें उत्तराखंड जल संस्थान शाखा देवप्रयाग एवं पर्वतीय ठेकदार संघ के बीच समझौता हुआ था कि संविदा श्रमिकों को 4 साप्ताहिक / 4 राष्ट्रीय छुट्टियों का वेतन तथा ईपीएफ, ईएसआई एवं 1 अप्रैल 2024 से 25 % बढ़ा हुआ वेतन दिया जाएगा जो कि श्रम मानकों के अनुसार तय हुआ था। लेकिन ठेकेदारों के द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया। ठेकदारों  ने श्रम मानकों का उल्लंघन करते हुए सिरे से समझौते में हुई बातों को नकार दिया।

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कोरोना काल में इन्हीं संविदा श्रमिकों ने अपनी के अपने परिवारों के प्राणों की चिंता न करते हुए प्रदेश को पेयजल जैसी महत्वपूर्ण आवश्यकता को संकट से बचाए रखा। तथा सुचारू रूप से पेयजल की आपूर्ति की, जहां विभाग को इनका आभार प्रकट करना चाहिए उल्टा विभाग के कुछ कर्मचारी ठेकेदारों के साथ मिलकर लगातार इन संविदा कर्मचारियों का शोषण कर रहे है जिस कारण संविदा कर्मचारियों एवं उनके परिवार पर आर्थिक संकट आन  पड़ा है।

बड़े आंदोलन की दी चेतावनी 

5 फरवरी को संविदा कर्मियों द्वारा की गई बैठक में अधिशासी अभियंता नरेश पाल के समक्ष फिर अपनी मांगों को रखा गया। लेकिन अधिशासी अभियंता झल्लाते हुए कह गए कि जो करना है कर लो

जिसके बाद से संविदा कर्मियों ने 10 फ़रवरी को सभी समस्याओं का समाधान करने का अल्टीमेटम दिया है उनका कहना है कि यदि 10 तारीख तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो 11 फरवरी 2025 को वे उत्तराखंड जल संस्थान शाखा के परिसर में धरने पर बैठ जाएंगे और इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होगी

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