अवैध शराब के धंधे में महिलाओं की बढ़ती संलिप्तता के मद्देनजर आबकारी विभाग ने ‘स्पेशल-98’ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। ये स्पेशल-98 नौजवान युवतियां हैं, जिन्हें विभाग में नई नियुक्ति मिली है। महिला आयुक्त अनुराधा पाल ने उनकी काबलियत और जोश पर भरोसा जताते हुए शुरुआत में ही फील्ड ड्यूटी की जिम्मेदारी दी है।
राज्य में पंचायत चुनाव के बीच अवैध शराब की तस्करी बढ़ने की आशंका को देखते हुए नवनियुक्त महिला कर्मियों को सभी संवेदनशील चेक पोस्ट पर तैनात किया है। ऐसा पहली बार है, जब विभाग में इतनी बड़ी संख्या में एक साथ महिला कर्मियों की नियुक्ति हुई है। विशेष बात यह भी है कि सिपाही पद पर 97 सिपाहियों का चयन हुआ है, उनमें सिर्फ 13 युवक हैं, बाकी 84 पदों पर युवतियों ने बाजी मारी है। इनके अलावा 14 महिला उप निरीक्षक का चयन हुआ है।
इससे पहले तक विभाग के पास उप निरीक्षक व सिपाही पद पर सिर्फ 35 महिला कर्मी थीं। अब उन्हें मिलाकर महिला बेड़ा 130 के आसपास हो गया। नई नियुक्तियों से आबकारी विभाग नारी शक्ति से लैस है। विभाग को उम्मीद है कि इनके जरिये अवैध शराब का धंधा करने वालों की नकेल कसने में बड़ी मदद मिलेगी
विशेष रूप से महिलाओं से जुड़े मामलों में तलाशी अभियान और पूछताछ बेहतर ढंग से हो पाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अब से पहले दुर्गम और संवेदनशील इलाकों में महिला सिपाहियों को भेजने से गुरेज किया जाता था, लेकिन नई नियुक्तियों के बाद दुर्गम क्षेत्रों में भी महिला सिपाहियों को तैनात किया गया है।
सभी युवतियां नई उम्र में जोश से लबरेज हैं। उस बैरियर को तोड़कर आईं हैं जिसमें माना जाता था कि आबकारी में महिलाओं का क्या काम है। सभी नई उप निरीक्षक और सिपाहियों को शुरुआत में प्रवर्तन कार्यों के तहत चेक पोस्ट पर तैनात किया गया है। इनकी नियुक्ति से सूचना तंत्र भी बेहतर होगा, क्योंकि अवैध शराब के धंधे में महिला अभियुक्त भी पकड़ी जा रही हैं। शुरुआती पोस्टिंग होने की वजह से यह ध्यान रखा गया है कि उनकी ड्यूटी का स्थान घर से अधिक दूर न हो
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