रुद्रपुर: तीन दिन पहले पंतनगर में टांडा के जंगल में मिले भूपेंद्र के शव का राज आखिरकार पुलिस ने खोल दिया है. भूपेंद्र की हत्या नहीं, बल्कि हल्द्वानी के एक होमस्टे में आत्महत्या की थी. होम स्टे मालिक ने बदनामी के डर से शव को टांडा जंगल में सड़क किनारे ठिकाने लगा दिया था. शव मिलने के बाद पुलिस भूपेंद्र की हत्या होने की आशंका जता रही थी, लेकिन अब असलियत सामने आ गई है. जिसके बाद अब पुलिस होमस्टे मालिक के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई है.
दरअसल, बीती 7 जुलाई की सुबह टांडा रेंज की टीम ने डिमरी ब्लॉक सड़क किनारे एक युवक का शव पड़ा हुआ देखा तो पंतनगर थाना पुलिस को जानकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेजा. जांच में मृतक के गले में रस्सी के निशान मिले, जिसके बाद पुलिस ने हत्या की आशंका जताते हुए जांच शुरू की. देर रात सोशल मीडिया पर मृतक की फोटो देख उसकी बहन ने पहचान की, जिसमें पिथौरागढ़ निवासी भूपेंद्र सिंह के रूप में पहचान की.
बहन ने पुलिस को बताया कि भूपेंद्र एक महीने पहले ही दिल्ली में रिटायर्ड अधिकारी के घर में काम कर रहा था. बीती 6 जुलाई को वो दिल्ली से हल्द्वानी आया था. 7 जुलाई को उसका शव पंतनगर के टांडा जंगल सड़क किनारे से बरामद हुआ. जिसके बाद पुलिस ने जांच में तेजी लाते हुए हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्र में सीसीटीवी फुटेज को खंगाले. जांच में मृतक के मोबाइल खंगालने पर पुलिस की टीम को अहम सुराग हाथ लगे.
वहीं, जांच में पुलिस को जानकारी मिली कि भूपेंद्र 6 जुलाई की रात को हल्द्वानी के पंजाबी मोहले स्थित एक होमस्टे में रूका था. इस दौरान होम स्टे के रजिस्टर में उसकी एंट्री भी नहीं की गई. रात में ही भूपेंद्र ने आत्महत्या कर ली. जैसे ही घटना की जानकारी होमस्टे मालिक को लगी तो वो बुरी तरह डर गया और बदनामी के कारण उसने शव को ठिकाने लगाने की नीयत से उसे टांडा जंगल में फेंक दिया.
मृतक की मौत से पर्दा उठने के बाद पुलिस अब होमस्टे संचालक के खिलाफ भी आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रही है. मुकदमे में साक्ष्य जुटाने की कार्रवाई जारी है. पुलिस इस मामले से जुड़े दूसरे पहलुओं की भी गहनता से जांच कर रही है. ताकि, तह तक की जानकारी मिल सके. फिलहाल, ये स्पष्ट हो हुआ है कि शुरुआती तौर पर हत्या माने जा रहे मामले में असल वजह आत्महत्या थी, जिसे छिपाने का प्रयास किया गया था.
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