देहरादून मौसम विभाग केंद्र ने उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना से इनकार किया, फिर पानी का इतना सैलाब कैसे आया।
जहां पूरे देश में उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना चर्चाओं में तमाम स्थानीय मीडिया से लेकर राष्ट्रीय मीडिया में इस घटना के बारे में बात की जा रही है वहीं अब मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना से इनकार कर दिया है।
आपको बता दें देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने यह साफ कहा है कि फिलहाल उत्तरकाशी में बादल फटने जैसी कोई भी घटना का डाटा रिकॉर्ड नहीं किया गया है. लिहाजा सीधे तौर पर इसे बादल फटना नहीं कहा जा सकता. उन्होंने इस घटना को लेकर कई और बातें भी कही हैं.
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के किसी भी इलाके में सुबह से लेकर अब तक बादल फटने जैसी कोई भी घटना रिकॉर्ड नहीं की गई है. उत्तरकाशी की घटना पर अध्ययन होगा कि आखिरकार अचानक से इतना पानी और मालबा कहां से आया. रोहित थपलियाल का कहना है कि हैरानी की बात यह है कि उत्तरकाशी सहित दूसरे पहाड़ी जिलों में बीते 24 घंटे में हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई है. अत्यधिक बारिश भी रिकॉर्ड नहीं हुई है. बावजूद इसके उत्तरकाशी में जल सैलाब क्यों और कहां से आया? अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.
वैज्ञानिक रोहित थपलियाल का कहना है कि उन्होंने अपनी इस रिपोर्ट को भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार को भी भेज दी है. उन्होंने आशंका जताई है कि संभवत ऐसा हो सकता है कि उत्तरकाशी के इस इलाके में ऊपरी जगह पर कोई झील बन गई हो और उसके टूटने से भी इस तरह का सैलाब आया हो. दूसरी आशंका जताते हुए रोहित थपलियाल ने कहा है कि इस क्षेत्र में ऊपरी इलाके में काफी ग्लेशियर हैं. ऐसा भी संभव है कि अचानक से कोई ग्लेशियर तेजी से पिघला हो और उसका पानी अचानक से नीचे आया हो. उन्होंने साफ किया है कि उत्तरकाशी में बीते 24 घंटे में हल्की बारिश ही रिकॉर्ड की गई है.
मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो मंगलवार रात से भी हल्की से मध्यम बारिश उत्तरकाशी सहित कई पर्वतीय जिलों में हो सकती है. बुधवार दोपहर बाद बारिश में अचानक से कमी आएगी. लेकिन फिर भी लोगों को सावधान रहना होगा. मौसम विभाग ने सभी बारिश वाले जनपदों को अलर्ट भेजा है. सुरक्षित स्थानों पर रहे, नदी नालों के पास न जाएं, सभी लोगों से यह अपील की जा रही है.
Leave a Reply