यूपी सिंचाई विभाग के नोटिस से ग्रामीणों की उड़ी नींद, गांव खाली करने को कहा, जानिए पूरा मामला –

खटीमा: उधम सिंह नगर जिले में नेपाल बॉर्डर से लगे सीमांत इलाके खटीमा में यूपी सिंचाई विभाग के नोटिस ने ग्रामीण की नींद उड़ा दी है. खेलड़िया गांव के दर्जनों ग्रामीणों को यूपी सिंचाई विभाग ने अतिक्रमण हटाने का नोटिस भेजा है. इस नोटिस के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है.

 

यूपी सिंचाई विभाग के नोटिस के विरोध में ग्रामीण आज 26 अगस्त को खटीमा एसडीएम कार्यालय पहुंचे और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. ग्रामीणों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से यूपी सिंचाई विभाग की इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है.

ग्रामीणों का आरोप है कि यूपी सिंचाई विभाग ने खिलड़िया गांव के ग्रामीणों की भूमि को शारदा सागर बांध की जमीन बताकर उन्हें नोटिस भेजा है. ग्रामीणों का कहना है कि वो लोग जिस भूमि पर बैठे है, वो वर्ग चार, पट्टे या रजिस्टर्ड भूमि है. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग 70 सालों से इस इलाके में बसे लोगों को नोटिस भेज उनका उत्पीड़न कर रहा है. साथ ही भूमि को जल्द खाली करने की चेतावनी भी दी जा रही है. इसलिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से यूपी सिंचाई विभाग के इस उत्पीड़न से बचाने की गुहार लगाई है.

दरअसल, खटीमा तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम खेलड़िया को यूपी सिंचाई विभाग ने अपना जमीन पर बसा गांव बताया है. साथ ही नोटिस भेजते हुए ग्रामीणों को बांध की भूमि खाली करने को कहा है. जमीन खाली नहीं करने पर बलपूर्वक कब्जा हटाने की चेतावनी भी दी गई है, जिसका खर्च भी कब्जाधारियों को ही देना होगा.

 

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि वह लोग बीते 70 सालों से यहां बसे हुए है. उनकी जमीन वर्ग-4, रजिस्ट्री व पट्टा भू-अभिलेख में दर्ज है. वहीं सरकार को प्रतिवर्ष लगान भी जमा करते आ रहे हैं. फिर भी उन्हें यूपी सिंचाई विभाग की तरफ से नोटिस दिया जा रहा है.

ग्रामीणों ने साफ किया है कि यदि यूपी सिंचाई विभाग नहीं मानना तो वो लोग आंदोलन करने को मजबूर होगे. ग्रामीणों का कहना है कि यूपी सिंचाई विभाग ने उन्हें जो नोटिस दिया है, उसमें खसरा संख्या का कहीं भी हवाला नहीं दिया गया है.

 

वहीं इस पूरे मामले पर एसडीएम तुषार सैनी ने बताया कि यूपी सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग व वन विभाग की संयुक्त बैठक में निर्णय लिया जाएगा. जांच के बाद आगे की कार्रवाही होगी.

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