श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को मिला नियमित प्राचार्य, आशुतोष सयाना की हुई नियुक्ति

उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए एक अहम और उत्साहजनक खबर सामने आई है. लंबे समय से प्राचार्य के स्थायी पद की प्रतीक्षा कर रहे राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को आखिरकार उनका नियमित प्राचार्य मिल गया है. उत्तराखंड शासन ने वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष सयाना को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का नियमित प्राचार्य नियुक्त कर दिया है. इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आधिकारिक आदेश जारी किया है.

 

शासन द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि डॉ. सयाना को तत्काल प्रभाव से पदभार ग्रहण कर शासन को इसकी अनुपालन आख्या उपलब्ध करानी होगी. यह नियुक्ति न केवल कॉलेज के प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शिक्षा की गुणवत्ता, अनुशासन, और समग्र विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. डॉ. आशुतोष सयाना उत्तराखंड की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली का एक जाना-पहचाना नाम हैं.. वे इससे पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून में भी विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक और शैक्षणिक पदों पर कार्य कर चुके हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने चिकित्सा छात्रों के शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाने के साथ-साथ संस्थान में अनुशासन और संगठनात्मक विकास की दिशा में भी कई सराहनीय पहल की हैं. उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और समर्पण को देखते हुए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में उनके योगदान को लेकर शिक्षकों, छात्रों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अन्य लोगों में काफी उत्साह है.

इस नियुक्ति से श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से चल रही अनिश्चितता पर विराम लग गया है. कॉलेज प्रशासन, फैकल्टी सदस्य और छात्र वर्ग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. उनका मानना है कि डॉ. सयाना के नेतृत्व में कॉलेज को शैक्षणिक गुणवत्ता, प्रशासनिक पारदर्शिता और संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में नई गति मिलेगी.

 

शैक्षणिक और पेशेवर सफर: डॉ. सयाना ने वर्ष 1994 में एमबीबीएस जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर से पूरा किया. वर्ष 1999 में उन्होंने केजीएमसी, लखनऊ से एमएस (जनरल सर्जरी) की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी में सहायक प्रोफेसर, सह-प्रोफेसर और प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दीं. एचएनबी उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून में उन्होंने रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक के रूप में कार्य किया. दिल्ली के कई प्रमुख अस्पतालों में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों में उनके शोध पत्र और प्रकाशन हो चुके हैं. साथ ही विभिन्न परिषदों में अलग-अलग पदों पर रहते हुए उन्होंने चिकित्सा शिक्षा को मजबूती प्रदान की है । श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी देने के लिए मैं मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और शासन का आभारी हूं. गढ़वाल क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी मिलने पर यहां की जनता को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा. मेरा संकल्प है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को देश के श्रेष्ठ मेडिकल कॉलेजों में शामिल किया जाए.

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