बागेश्वर जिला अस्पताल में हुई बच्चे की दर्दनाक मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है. स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी समेत 4 कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है. इस गंभीर मामले की दोबारा जांच हुई थी. दूसरी बार हुई जांच की रिपोर्ट के बाद ये कार्रवाई हुई है.
डेढ़ साल के बच्चे की मौत का है मामला: 10 जुलाई 2025 को बागेश्वर जिला अस्पताल में डेढ़ साल के बच्चे शुभांशु जोशी को इलाज ना मिल पाने की वजह से उसकी मौत हो गई थी. इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था. यहां तक कि सीएम धामी को भी स्टेटमेंट देना पड़ा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागेश्वर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. जिसके बाद जांच समिति ने कुछ दिन बाद ही जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी.
लेकिन रिपोर्ट में तमाम कमियां होने में चलते शासन ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जिम्मेदारी बागेश्वर जिलाधिकारी को सौंपी थी. ऐसे में बागेश्वर डीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ तपन शर्मा समेत चार लोगों पर कार्रवाई की है.
ये था पूरा मामला: दरअसल, चमोली जिले के चिडंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र के डेढ़ साल के बेटे की 10 जुलाई को अचानक तबीयत खराब हो गई थी. जिसके इलाज के लिए सैनिक दिनेश की पत्नी और मां बच्चे को लेकर ग्वालदम पहुंचे. वहां के अस्पताल में बच्चे को इलाज नहीं मिला. इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर बैजनाथ (बागेश्वर) अस्पताल गये. जहां से भी उन्हें बागेश्वर जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया. परिजन आनन फानन में छोटे बच्चे को लेकर बागेश्वर जिला अस्पताल पहुंचे.बागेश्वर जिला अस्पताल से शाम 6 बजे बच्चे की हालत को गंभीर बताकर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजनों ने 108 एंबुलेंस बुलाई, मगर परिजनों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई, जिसके चलते डेढ़ साल के बच्चे की मौत हो गई.
मामले की गंभीरता और डॉक्टर्स की लापरवाही को देखते स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागेश्वर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया. जांच समिति ने कुछ दिन बाद ही जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी. उस दौरान शासन का मानना था कि इस जांच समिति ने मामले को गंभीरता से ना लेते हुए सामान्य जांच कर रिपोर्ट सौंप दी. जिसके चलते स्वास्थ्य सचिव ने बागेश्वर की अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुपम हयांकी, बागेश्वर जिला चिकित्सालय के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ तपन शर्मा, बागेश्वर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रमोद सिंह जंगपांगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
साथ ही स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बागेश्वर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के निर्देश दिए थे. ऐसे में बागेश्वर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट और कारण बताओ नोटिस के उत्तर पर विचार करने के बाद प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ तपन शर्मा समेत चार लोगों पर कार्रवाई की है. वहीं, स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा कि-
यह घटना अत्यंत दुखद है. स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विभाग का साफ संदेश है कि हर अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी संवेदनशीलता के साथ निभाएं, नहीं तो कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें.इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई
डॉ. तपन शर्मा, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय बागेश्वर
आरोप- असंवेदनशीलता, एम्बुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित न करना, प्रशासनिक अक्षमता का आरोप लगा है.
कार्रवाई- तपन शर्मा को तत्काल प्रभाव से पद और दायित्वों से अवमुक्त करते हुए निदेशक, कुमाऊ मंडल के साथ संबद्व किया गया है
ईश्वर सिंह टोलिया और लक्ष्मण कुमार जोकि 108 वाहन चालक हैं
आरोप- इन पर कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं असंवेदनशीलता का आरोप है.
डॉ. भूरेन्द्र घटियाल, चिकित्साधिकारी
आरोप- कर्तव्यों के प्रति उदासीनता और संवेदनशीलता की कमी का आरोप
कार्रवाई- कठोर चेतावनी जारी कर भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसका आदेश दिया गया है.
डॉ. अंकित कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय बागेश्वर
आरोप- संघर्षरत बालक के प्रति सहानुभूति न दिखाना और उदासीनता बरतने के चलते प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए
कार्रवाई- प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश दिया गया है.













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