बीती रात पेपर लीक को लेकर हंगामा हो गया, जिसके बाद से पूरे उत्तराखण्ड में हड़कंप मच गया
विस्तार से आपको पूरी खबर बताते है : बीते तीन दिन से जो छात्र हैं वह परेड ग्राउंड में पेपर लीक को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उनकी मुख्य मांगे हैं इस एग्जाम को एक महीने के भीतर दोबारा कराया जाए और पेपर लीक की सीबीआई जांच हो, लगातार तीन दिन से दिन रात युवा परेड ग्राउंड में डटे हुए हैं उनके आंदोलन को बिगाड़ने के लिए कुछ फर्जी छात्र हरिद्वार से देहरादून के एकता बिहार में पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने रिजल्ट आउट करने की मांग की और यह भी कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ है,वह आयोग के साथ है, और सरकार से मांग कर रहे हैं कि पेपर का रिजल्ट जल्दी से जल्द आउट किया जाए, जब वो देहरादून से हरिद्वार की तरफ वापस जा रहे थे,
इसी बीच नेपाली फार्म में उनकी गाड़ियों को रोका गया, जहां पर उनसे पूछताछ की गई, इसके बाद वहां पर एक बड़ा खुलासा हुआ, पूछताछ के दौरान पता चला कि इन छात्रों को भ्रमित कर बीजेपी के नेता द्वारा प्रपंच करने के लिए और शांतिपूर्ण से चल रहे छात्रों के आंदोलन को बिगाड़ने के लिए, देहरादून लाया गया था, इन छात्रों को गेम्स एक्टिविटी और प्राइस डिस्ट्रीब्यूशन के नाम पर देहरादून लाया गया और उनसे फिर एकता विहार में झूठे नारे लगाए गए, बस में बैठे छात्रों ने बताया कि हम स्कूल के छात्र और कॉलेज के छात्र हैं जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं, हमारा पेपर लीक से कोई लेना देना नहीं है, हमें तो बस यहां पर झूठ बोलकर लाया गया है, इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड भाजपा के एक ब्लॉक प्रमुख को बताया गया है,
इन्हीं छात्रों द्वारा, मुख्यमंत्री को पेपर का रिजल्ट आउट करने के लिए ज्ञापन दिया गया था, खुलासा होने के बाद से पूरे उत्तराखंड में हड़कंप मच गया है, जिस तरीके से उत्तराखंड में पेपर लीक मामलाहै वह तूल पकड़ रहा है, और जो उसके मास्टरमाइंड है उनको किस तरीके से बचने का प्रयास किया जा रहा है,













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